विशेष संवाददाता। हरीश रावत ने भारतीय जनता पार्टी पर चुनावों परिणामों के बाद अबतक का सबसे बड़ा आरोप लगाया है। हरीश रावत ने कहा है कि बीजेपी राज्य में ध्रुवीकरण कराकर हिंदू और मुस्लिम के बीच लकीर खींचना चाहती है। हरीश रावत ने चुनावों में किसी भी तरह के ध्रुवीकरण से साफ इंकार किया है। हरीश रावत ने लगभग आरोप लगाने के अंदाज में कहा है कि बीजेपी भविष्य के चुनावों के लिए ध्रुवीकरण की कोशिश में लगी है और इसीलिए इस तरह के बयान बीजेपी नेता दे रहें हैं।
हरीश रावत ने तीन तलाक के मसले पर मुस्लिम महिलाओं के बीजेपी को वोट देने की खबरों को भी सिरे से नकार दिया है। हरीश रावत ने इसे भी मुस्लिम वर्ग में पुरुष और महिलाओं के बीच विभाजन रेखा खींचने वाला बयान करार दिया है।
हरीश रावत ने कहा है कि अगर ध्रुवीकरण हुआ होता तो कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार को पिरानकलियर में जीत नहीं मिलती जहां 60 फीसदी के करीब हिंदू आबादी है। इसके साथ ही हरीश रावत ने मंगलौर में काजी निजामुद्दीन की जीत का भी उदाहरण दिया है जहां कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन जीते हैं जबकि बीजेपी प्रत्याशी ऋषि बालियान तीसरे नंबर पर रहे।
हरीश रावत ने इसे बीजेपी की सोची समझी चाल बताया है और उत्तराखंड में हिंदु और मुसलमान के बीच बंटवारे की कोशिश करार दिया है। हरीश रावत ने दावा किया है इस चुनाव में बीजेपी की इस कोशिश को जनता ने नकार दिया है लेकिन बीजेपी भविष्य के चुनावों के मद्देनजर ये कोशिश जारी रखे हुए है।