हरिद्वार में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और एसओजी ने सोमवार को हरिद्वार में मानव तस्करी मामले का भंडाफोड़ किया है। इस सिलसिले में तीन महिलाओं समेत पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से बेचने के लिए लाई गई दो महिलाओं और दो बच्चों को मुक्त कराया गया। गिरोह की सरगना पहले भी ऐसे ही मामले में जेल जा चुकी हैं। आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कृष्ण कुमार वीके ने जानकारी दी कि कई दिन से मानव तस्करी और बच्चा चोर गिरोह की सूचनाएं मिल रही थीं।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और एसओजी ने टिहरी विस्थापित कॉलोनी के समीप एक मकान में छापा मारा। यहां से बेचने के लिए लाई गई दो महिलाएं और दो बच्चे मुक्त कराने के साथ ही पांच लोग गिरफ्तार किए गए। गिरोह की सरगना महिला निकली।
उसने अपनी पहचान सीता पत्नी स्व. सुर्जन लाल निवासी रानीपुर हरिद्वार के रूप में बताई। अन्य चार आरोपियों की पहचान जनारसी देवी पत्नी रामदास निवासी भटवाड़ी सीतामढ़ी बिहार, आशा पत्नी नंदलाल निवासी रानीपुर हरिद्वार, रामदास पुत्र अनुदास निवासी भटवाड़ी सीतामढ़ी बिहार और वारिस अली उर्फ बाबू पुत्र साबिर अली निवासी नदाईल सहसबन बदायूं उत्तर प्रदेश के रूप में हुई।
एसएसपी के अनुसार पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे घर से परेशान महिलाओं और बच्चों को नौकरी दिलाने के बहाने लाते हैं। इन्हें भी ऐसे ही लेकर आए थे। पूछताछ में आरोपियों ने कुछ महिलाओं और बच्चों को दूसरे शहरों में बेचे जाने की भी जानकारी दी।
एसएसपी ने बताया कि इनकी बरामदगी के लिए वहां पुलिस टीमें भेज दी गई हैं। गिरोह के सदस्य महिलाओं और उनके बच्चों को अलग-अलग शहरों में बेचते थे। उन्होंने हाल ही में हरिद्वार के खानपुर इलाके में भी एक महिला को बेचे जाने की बात कही। इसका पता लगाया जा रहा है।