हरिद्वार : हरिद्वार जिले में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी ने जिले में तैनात एएसपी परीक्षित कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिससे उत्तराखंड पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था। वहीं एसएसपी ने पूरे मामले की गहनता से जांच के आदेश देते हुए एसपी सिटी ममता वोहरा की अगुवाई में जांच टीम गठित की थी…जिसके बाद मामले में नया मोड आ गया है.
जी हां एसएसपी ने लिखित में महिला कांस्टेबल से माफी मांगी वहीं महिला पुलिसकर्मी ने जांच कमेटी के सामने पशे होकर कार्रवाई करने से इंकार कर दिया है. जिससे पीछे हटने से एएसपी कानूनी कार्रवाई से तो फिलहाल बच गए हैं लेकिन विभागीय कार्रवाई की तलवार उन पर लटकी है. आपको बता दें शुक्रवार को पीएचक्यू ने एएसपी को इंटेलिजेंस मुख्यालय में अटैच कर दिया है.
एएसपी ने कही ये बात
माफीनामे में एएसपी ने लिखा कि मुझसे गलती हुई थी। मैं माफी मांगता हूं। भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होगी। न कभी दबाव बनाऊंगा, न दोबारा संपर्क करूंगा। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी को सौंप दी।
भाई पर बनाया केस वापस लेने का दबाव
वहीं बीते दिन महिला पुलिसकर्मी के भाई को भी फोन कर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था. तभी अचानक सोमवार को पीड़िता इस बात पर राजी हो गई कि एएसपी लिखित रूप में माफी मांग लें, तो वह समझौते पर विचार कर सकती हैं। एएसपी परीक्षित कुमार ने अपनी गलती मानते हुए लिखित रूप में माफी मांगी।
एसएसपी का बयान
जन्मेजय खंडूरी का कहना है कि परीक्षित कुमार ने यौन उत्पीड़न के मामले में माफी मांग ली है। पीड़िता ने उन्हें माफ करते हुए कानूनी कार्रवाई से मना कर दिया है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुझे सौंपी है। जिसमें विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है। चूंकि कार्रवाई शासन स्तर से होनी है, लिहाजा जांच रिपोर्ट पीएचक्यू भेज दी गई है।
ये है मामला