देहरादून : पूर्व सीएम हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर हमला करते हुए सचिवालय में आम जनता के प्रवेश को लेकर सवाल उठाया था। हरीश रावत ने सचिवालय में प्रवेश पर बैन को लेकर सरकार को बड़ी चेतावनी दी था। हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि मेरे उपवासों की लिस्ट भी बहुत लंबी होती जा रही है। मैंने, राज्य के माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी व मुख्य सचिव ओम प्रकाश जी से अनुरोध किया था कि जब कोरोना काल के दिनों में आपने सब चीज खोल दिया है, तो फिर ये सचिवालय में क्या ऐसा खतरा है कि आप सचिवालय में प्रवेश निषिद्ध बना रखा है। आम आदमी अपने काम के लिए आता है, आपने प्रवेश निषिद्ध कर दिया है। यदि आप इस हफ्ते के आंखिर-आंखिर तक सचिवालय में प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं हटाएंगे तो मुझे इसके खिलाफ भी उपवास पर बैठना पड़ेगा।
हरीश रावत को उपवास नहीं पाश्चाताप करना चाहिए-बंशीधर भगत
वहीं इस पर पलटवार करते हुए बंशीधर भगत ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अब पश्चाताप करना चाहिए उपवास नहीं। वहीं इस पर एक बार फिर से हरीश रावत ने पलटवार किया औऱ कहा कि मेरी कमी के कारण निठल्ली सरकार आई।
हरीश रावत का बंशीधर भगत पर हमला
हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मुझे सलाह दी है कि मैं उपवास नहीं पाश्चाताप करुं…मैने उन्हें अपना गुरु मान लिया है। कहा कि भगत जी और हरबंस कपूर ऐसे दो लोग हैं जो 2022 में जनता की सेवा से सेवानिवृ्तत हो जाएंगे, ऐसे मुझे इनकी पार्टी का प्राण दिखता है…2022 में मैं अपने मुख्यमंत्री को बोलूंगा की एक ऐसा इंस्टिट्यूट खोलिए जो नव विधायकों को टेक्निक बताएं की काम किए बिना कैसे चुनाव जीता जाए क्योंकि ये दोनों इसमे माहिर हैं। मेरी काम सीखने की उम्र नहीं है। आपने कला है,आर्ट है कि आपने मेेरे भतीजे को आपने संघी बना दिया। कहा कि मेरी में कमियां रही होंगी और इसी कारण प्रदेश में निठल्ली सरकार आई। आप वैसे भी मेरे गुरु है। आपके पास ऐसा क्या मंत्र है जो मेरे परिवार में खून और दूध के रिश्ते कोई संघी भाजपाई नहीं है। आपने मेरे भांजे को घनघोर संघी भाजपाई बना दिया कोई तो आर्ट है आपमे।