देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। उनके कथित स्टिंग के बाद सीबीआई ने लंबी जांच के बाद हाईकोर्ट से पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की इजाजत मांगी थी। जिसके बाद सीबीआई ने अब मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस पूरे मामले को लेकर हरीश रावते ने तब भी कहा था कि वो दोषी नहीं हैं और अब भी वही कह रहे हैं। आपको बताते हैं कि तब उन्होंने क्या-क्या कहा था।
28 दिसंबर 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा था कि एक पत्रकार से मिलना अपराध नहीं है। लेकिन, अगले ही दिन उन्होंने कथित स्टिंग की इस सीडी को फर्जी बताते हुए कहा था कि वो गलत नहीं हैं। उन्होंने से भी सवाल उठाया था कि क्या किसी पत्रकार से मिलना कोई अपराध है? यह भी कहा था कि अगर बागी विधायकों में से किसी ने भी मुझसे बातचीत की तो इससे क्या फर्क पड़ता है? राजनीति में क्या किसी चैनल को हम बंद कर सकते हैं?
हरदा ने यह भी कहा था कि अगर सीडी में से ऐसा कुछ भी प्रमाणित हो जाए कि उन्होंने असंतुष्ट विधायकों का समर्थन लेने के बदले में नकद या किसी और प्रकार की पेशकश की तो वह जनता के सामने फांसी पर लटकने को तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि अगर मेरे खिलाफ ऐसा कोई प्रमाण मिलता है कि कि मैंने किसी को धन या किसी और चीज की पेशकश की तो मुझे घंटाघर पर लटका दीजिए।