देहरादून : 4 दिसंबर से शुरु हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र कराने को लेकर मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के बीच मनमुटाव चला जिसके बाद ठंड का हवाला देते हुए सरकार ने देहरादून में ही सत्र करने का फैसला किया जो की 4 दिसंबर से शुरु हो रहा है. वहीं एक ओर जहां सरकार ने गैरसैंण में वरिष्ठ विधायकों को ठंड लगने का हवाला देते हुए गैरसैंँण में सत्र न करने का फैसला किया तो वहीं हरीश रावत ने उस दिन गैरसैंँण में सांकेतिक उपवास पर बैठने का फैसला किया औऱ इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी.
हरीश रावत की पोस्ट
हरीश रावत ने सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि सरकार कहती है कि, हमारे विधायकों को गैरसैंण में ठण्ड लग जाती है, तो मैंने तय किया है कि, नहीं गैरसैंण में ठण्ड नहीं लगती है, गैरसैंण हमारी आत्मा और भावनाओं में गर्माहट पैदा करता है, यह सिद्ध करने के लिये, मैं 4 दिसम्बर को, जिस समय देहरादून में विधानसभा सत्र प्रारम्भ हो रहा होगा, मैं उपवास पर बैठूंगा, यह सांकेतिक उपवास है। एक 72 साल का वृद्ध, यह जताने के लिये गैरसैंण में उपवास पर बैठ रहा है, नहीं यह वही गैरसैंण है, यह वही राज्य आन्दोलन की भावना का प्रतीक है, जिस प्रतीक ने हमारे अन्दर इतनी गर्माहट पैदा की कि, हमने देश का दिल पिघला दिया, भारत सरकार को पिघला दिया और उत्तराखण्ड राज्य अस्तित्व में आया। इसलिये, ‘‘जै_गैरसैंण’’ के नारे के साथ, मैं 4 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे, गैरसैंण में ‘‘सांकेतिक उपवास’’ पर बैठूंगा।
https://youtu.be/9TIa9OeHNMI