इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक के साथ गाली-गलौज करने वाले विधायक मदन बिष्ट का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। बीजेपी कांग्रेस से उन्हें पार्टी से बाहर करने की मांग कर रही है। इसी बीच पूर्व सीएम हरीश रावत के सोशल मीडिया पर किए एक पोस्ट ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।
निदेशक को गाली देने वाले विधायक के बचाव में उतरे हरदा
पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने एक पोस्ट किया है जिसके बाद से सियासी उबाल आना तय है। अपनी इस पोस्ट में जहां एर ओर हरदा द्वाराहाट विधायक का बचाव करते नजर आ रहे हैं तो वहीं दूसरी और नौकरशाही पर हमला कर रहे हैं।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि ब्यूरोक्रेट्स फोन नहीं उठाते हैं। जनप्रतिनिधियों को आवश्यक सम्मान नहीं दिया जाता। ये अकेले विधायक मदन बिष्ट की समस्या नहीं है। ये दर्द और शिकायत, विपक्ष के सभी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की है।
अधिकारियों को अपनी विदाई होने का सताता है डर
उन्होंने कहा है कि जो अधिकारी मलाईदार पदों पर हैं उनके लिए तो विपक्षी नेता का टेलीफोन उठाना मलाई से वंचित रहने जैसा है। मलाईदार व महत्वपूर्ण पद पर विराजमान अधिकारी को हमेशा यह डर सताता रहता है कि अगर भाजपा तक ये खबर पहुंच गई कि उन्होंने किसी विपक्ष के नेता का फोन उठाकर उनसे आदरपूर्वक बात कर ली तो अधिकारी फिर अपने विदाई के दिन गिनने लगता है।
कई अधिकारी बहुत अच्छा काम करते हैं हम उनकी सार्वजनिक प्रशंसा भी करना चाहते हैं। मगर इस संकोच के मारे उनकी प्रशंसा नहीं कर पाते हैं कि कहीं हमारी प्रशंसा उनकी पोस्टिंग पर असर न डाल दे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अधिकारियों का विपक्ष के नेताओं का टेलीफोन न उठाना, भाजपा और वर्तमान सत्ता के प्रति उनकी वफादारी का मापदंड बन गया है।
विधायक मदन बिष्ट का निदेशक को गाली देने का वीडियो हुआ था वायरल
बता दें कि बीते दिनों सोशल मीडिया पर द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट का इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक को उसके घर पर जाकर धमककाने और गाली-गलौज करने का वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद इस मामले में उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ। वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। बीजेपी कांग्रेस से उनको पार्टी से बाहर करने की मांग कर रही है।