देहरादून (मनीष डंगवाल)- उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की ओर से दी गई आम, ककड़ी, आडू, भूट्टा, जामून पार्टी किसी सियासी माईने से कम नहीं निकली। जी हां जिस उदेश्य से हरदा ने पार्टी रखी थी वह उदेश्य हरीश रावत का जरूर पूरा हो गया क्योंकि सियासत के मैदान में माहिर खिलाड़ी के रूप अपनी अलग पहचान बनाने वाली हरीश रावत ने इस पार्टी के जरिए अपनी छवि एक ऐसे नेता के रूप में बना ली है जिसके पीछे कांग्रेस के कई नेता तो खड़े दिखाई दिए…यहां तक कि उनके विरोधी दलों के नेता भी इस पार्टी के जरिए उनके साथ खड़े नजर आए और दावत के हरीश रावत ने ये संदेश उत्तराखंड की जनता को दिया कि उनकी सियासी पारी अभी खत्म नहीं हुई है। बल्कि सियासी पिच पर वो अभी मुकाबले के लिए वह अभी पूरी तैयार से तैयार है।
सीएम त्रिवेंद बने पूर्व सीएम हरीश रावत के खास मेहमान
हरीश रावत की इस दावत में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सबसे खास मेहमान बनकर आए। हरीश रावत ने इस दावत के लिए अपनों के लिए तो निमंत्रण भेजा ही दूसरी पार्टी के नेताओं को भी दावत के लिए निमंत्रण भेजा। हरीश रावत के निमत्रंण को सभी राजनैतिक दल के नेताओं ने सह हृदय स्वीकार भी किया और दावत में पहुंचे भी।
गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी और जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण भी इस दवात में पहुंचे
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत हरीश रावत की इस दावत के सबसे खास मेहमान बने हरीश रावत ने सीएम त्रिवेंद्र की पूरी खातिरदारी दावत में की। इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत और सीएम त्रिवेंद्र के चेहरे बयां कर रहे थे कि वह दावत में राजनैतिक द्वे भाव को भूलकर बैठे,दोनों नेताओं के चेहरे पर जहां खुशी थी वहीं एक दूसरे के प्रति पूरा सम्मान देखा जा रहा था। कुल मिलकार हरदा के दावत से त्रिवेंद्र सिंह रावत पूरी तरह से खुश नजर आएं। यही नहीं हरदा के इस पार्टी में धर्मपुर से बीजेपी विधायक विनोद चमोली भी पहुंचे वहीं सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सत्यनरायण सचान और यूकेडी के कई नेता पार्टी में पहुंचे। नेताओं को छोड़िए गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी और जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण भी इस दावत में पहुंचे थे।
हरदा को फिर दगा दे गए प्रीतम और इदिरा
हरीश रावत की इस दावत में जो भी पहुंचा वह वहां मौजूदा भीड़ देखकर यही कह रहा था कि हरदा का जादू अभी कम नहीं हुआ है। लेकिन लगता है कि हरदा का जादू अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हृदियेश पर खत्म हो गया है. यही वजह है कि हरीश रावत की इससे पूर्व दी गई काफल पार्टी हो या इस बार दी गई दावत, न तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पहुंचे और न ही नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हृदियेश। इसे पार्टी में मौजूद कांग्रेसी ही एक दूसरे के कान में कहते नजर आए कि दावत में तो सभी पार्टियों के नेता नजर आए रहे हैं. लेकिन उनके प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष नहीं दिखाई दे रहे है।
इसे हरीश रावत के लिए फायदे के रूप में देखा जाना चाहिए या नुकसान के रूप में,लेकिन हरीश रातव समर्थक तो यही कहते रहे कि कुछ भी हो दावत में जो भीड़ मौजूद है,उससे हरीश रावत को सियासी फायदा आगे जरूर मिलेगा और जो लोग हरीश रावत की अनदेगखी पार्टी में कर रहे है और पार्टी में नहीं पहुंचे है उनहे इसका नुकसान चुकाना पड़ेगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने वास्तव में हरीश रावत से दूरी बना ली है?
खैर जिस तरह दावत में सभी ने दावत की मौज उड़ाई उसे तो सभी खुश हैं। लेकिन सवाल यहीं है कि क्या वास्ताव में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने हरीश रावत ने दूरी बना ली है,और दूरी नहीं बनाई है तो निमंत्रण मिलने के बाद भी दोनो नेता दावत से दूर क्यों रहे। दावत की खास बात ये रही कि कुछ दिनों पहले पुराने गिले-सिखवे भूल कर हरीश रावत के गले लगे किशोर उपाध्याय भी पार्टी में पहुंचे और ये संदेश देने की कोशिश की जिस जरह से प्रीतम और इंद्रा के बीच गहरी जुगल बंदी हो चुकी है उसी तरह उनके और हरीश रावत के बीच जुगल बंदी आने वाले दिनों और गहरी होने वाली है।