देहरादून- जब से राज्य बना है तब से उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों की हालत नहीं सुधरी। खास कर पहाड़ी इलाकों में तो बुरा हाल है। दो बार काग्रेस और अंतरिम सरकार समेत तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बावजूद सेहत के सवाल अवाम को झुलसाते रहे।
ऐसे में मौजूदा डबल इंजन की सरकार ने राज्य के दो मेडिकल कॉलेजों को भारतीय सेना के हवाले करने का मन बनाया ताकि पहाड़ में पटरी से उतरे सेहत के इतंजामात को राहत मिल सके। सेना का प्रतिनिधिमंडल हाल में ही राज्य के दोनो श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और अल्मोड़ा के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का मुआयना कर चुका है। सेना और राज्य सरकार के बीच दो दौर की बात हो चुकी है।
उधर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया में अपनी फेसबुक वॉल को अपडेट करते हुए इस पर सवाल उठाते हुए पुनर्विचार की अपील की है।
रावत ने लिखा है-
मा. मुख्यमंत्री विचार करें।
श्रीनगर व अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज राज्य की सम्पदा है। इन्हें आर्मी को सौंपना क्या जनहित में है? मैं जानता हॅू इनके संचालन का व्ययभार बड़ा है। अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण खर्च केन्द्र सरकार को देना है। भगवानपुर, कोटद्वार, रूद्रपुर और पिथौरागढ़ में भी मेडिकल कालेज स्वीकृत हैं। हमें विश्वास है कि केन्द्र सरकार मदद करेगी।