Big News : आसान नहीं हर एक का हरक होना, मुनादी करे और फिर पा ले अपनी 'सत्ता' - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

आसान नहीं हर एक का हरक होना, मुनादी करे और फिर पा ले अपनी ‘सत्ता’

Reporter Khabar Uttarakhand
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harak singh rawat

harak singh rawat

 

उत्तराखंड में सत्ता बदलते ही हरक की हनक एक बार फिर दिखने लगी है। हरक सिंह रावत एक बार फिर से न सिर्फ सियासी तौर पर अपनी हनक दिखा रहें हैं बल्कि ये भी बता रहें हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में उनके साथ जो कुछ हुआ वो उसका एक एक कर बदला ले रहें हैं।

हरक सिंह रावत ने हाल ही में उत्तराखंड सन्निकार कर्मकार कल्याण बोर्ड से खोई अपनी ‘सत्ता’ वापस पा ली है लगता है। हरक सिंह रावत एक एक अब अपनी ‘मनमर्जियां’ बोर्ड में चलाने लगे है और ये बताने लगें हैं कि ‘आई एम द बॉस’। दरअसल कर्मकार बोर्ड का कामकाज त्रिवेंद्र सरकार में सवालों के घेरे में आ गया था। बोर्ड के सचिव से लेकर अध्यक्ष तक को हटा दिया गया था। कर्मकार बोर्ड के वित्तीय लेनदेन को लेकर एजी की जांच बैठा दी गई। एक एक कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरक सिंह रावत के करीबियों को निपटा दिया। हरक सिंह रावत अनुशासन की घुट्टी पी कर और अपने सामान्य व्यवहार से विपरीत जाकर चुपचाप बैठे सब देखते रहे।

लेकिन वक्त कब एक सा रहता है। सियासत में सबकुछ चलायमान है। कुछ भी लंबे समय तक स्थिर नहीं है। हरक सिंह रावत का समय फिर लौटा। त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी चली गई और सूबे में तीरथ राज की स्थापना हो गई। हरक सिंह रावत को एक बार फिर से कुर्सी मिली और ‘मौका’ भी। तीरथ सिंह रावत सरकार में हरक को एक बार फिर के श्रम विभाग का मुखिया बनाया गया। हरक सिंह रावत ने एक महीना बीतने से पहले ही कर्मकार बोर्ड में फिर से अपनी ‘सत्ता’ लौट आने की मुनादी कर दी। हरक सिंह रावत ने कर्मकार बोर्ड की सचिव दीप्ती सिंह को हटा दिया। दीप्ती सिंह को त्रिवेंद्र रावत ने नियुक्त किया था। हरक सिंह रावत ने मधु नेगी चौहान की तैनाती कर दी। इसके कुछ दिन बाद ही सरकार ने बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को हटाने दिया। पहले ये पद खुद हरक सिंह रावत के पास था।

यही नहीं, हरक सिंह रावत ने साफ कर दिया है कि कर्मकार बोर्ड के जिन कर्मियों को त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में हटाया गया था उन्हें हटाए जाने की ही तिथि से बहाली दी जाएगी।

हरक सिंह रावत की वापसी के साथ ही अब लगभग ये भी साफ हो रहा है कि जिस वित्तीय लेनदेन को लेकर एजी रिपोर्ट में सवाल उठाए गए थे अब वो फाइल ही ठंडे बस्ते में डाल दी जाएगी।

साफ है कि हरक सिंह ने फिलहाल कर्मकार बोर्ड में मिली ‘हार का बदला’ ले लिया है। हरक ने इसी के साथ एक बार फिर साफ कर दिया है कि हरक होना कोई आसान काम नहीं हैं।

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