देहरादून : कोटद्वार में भाजपा की हार के बाद और प्रभारी हरक के बयान के बाद सियासत गरमा गई है…पहले गैरसैंण को लेकर अगल-अगल राय और अब हरक का ऐसा बयान बयां कर रहा है की भाजपा संगठन में क्या कुछ चल रहा है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि उत्तराखंड भाजपा संगठन और सरकार के बीच का मतभेद बाहर निकल कर आ गया है. हरक ने कोटद्वार में हुई हार की जिम्मेदारी लेने से किनारा करते हुए बिना उनकी राय के प्रत्याशी को टिकट देने को हार का कारण बताया.
पार्टी को ठहराया हार का जिम्मेदार
गौर हो की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा था कि जहां-जहां भाजपा की हरा हुई है वहां की समीक्षा की जाएगी…जिसके बाद कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने बयान जारी करते हुए हार का ठीकरा संगठन पर फोड़ा है. हरक ने हार कि जिम्मेदारी लेने से किनारा करते हुए कहा कि अगर कोटद्वार में उनके कहे अनुसार प्रत्याशियों को टिकट दिया जाता तो चुनाव का परिणाम कुछ और होता. हरक सिंह रावत के बयान से साफ होता है कि अगर बोले हुए प्रत्याशी को टिकट दिया जाता तो भाजपा की जीत होती. जिसकी हार की जिम्मेदार उन्होंने पार्टी को ठहराया.
मुझसे पूछा जाता तो मैं सही राय देता, पार्टी के हित में कोटद्वार के हित में राय देता-हरक
चुनाव हारने पर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ये भी कहा कि मैं वहां से विधायक हूं और प्रभारी भी लेकिन उनसे टिकट बटवारे को लेकर चर्चा नहीं की गई…उन्होंने कहा कि विधायक रहते हुए मुझसे नहीं पूछा गया कि टिकट किसको देना है…हरक ने कहा कि मुझसे पूछा जाता तो मैं सही राय देता, पार्टी के हित में कोटद्वार के हित में राय देता.