देहरादून- पिछले सरकार में भी दमयंती रावत को लेकर तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की तत्कालीन शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के साथ रिश्ते तल्ख हो गए थे तो इस बार फिर से दमयंती रावत को लेकर सूबे के श्रम मंत्री हरक सिंह रावत और सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के बीच तनातनी बढ़ गई है।
श्रम मंत्री हरक सिंह रावत अपनी करीबी शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत को अपने महकमे में भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर अपर कार्याधिकारी (एईओ) के रूप में तैनात देखना चाहते हैं लेकिन शिक्षा महकमे ने दमयंती को प्रतिनियुक्ति के लिए एनओसी देने से साफ मना कर दिया है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निर्देश पर शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख ने इस संबंध में आदेश जारी किए। वहीं इस घटनाक्रम से एक बार फिर त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल में मंत्रियों के बीच तनातनी बढ़ गई है। वहीं अब तक प्रतिनियुक्ति को लेकर अपने मूल महकमे शिक्षा को अंगूठा दिखाती रहीं दमयंती के मामले में शिक्षा महकमे ने सख्त रुख अपनाया है।
प्रदेश में चर्चित शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत का प्रकरण इस बार भाजपा सरकार के गले की फांस बन गया है। शिक्षा महकमे में अनधिकृत अनुपस्थिति को लेकर दमयंती को बीती 17 फरवरी को आरोप पत्र दिया जा चुका है। इस आरोप पत्र पर रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से अभी तक मसले पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
इस बीच शिक्षा महकमे से पहले अनापत्ति लिए बगैर ही श्रम महकमे के तहत कार्यरत भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से दमयंती रावत को अपर कार्याधिकारी के तौर पर प्रतिनियुक्ति के लिए पत्रावली बढ़ा दी गई। बोर्ड ने बीती 15 दिसंबर को शिक्षा महानिदेशक को पत्र भेजकर खंड शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत को उक्त प्रतिनियुक्ति के लिए कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया था।
लेकिन खबर है कि सचिवालय में मौजूद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया हुआ है। शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सचिव डॉ. भूपिंदर कौर औलख को किसी भी प्रकार से नरमी न बरतने की हिदायत दी है। बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री ने महकमे में कायदे-कानून को ताक पर रखकर दमयंती रावत के प्रतिनियुक्ति पर जाने के मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। लिहाजा मंत्री के निर्देश मिलते ही महकमा हरकत में आ गया।
शिक्षा सचिव ने दमयंती रावत को प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए विभागीय एनओसी देने से इन्कार करते हुए आदेश जारी किए। शासनादेश में कहा गया कि 20 मई, 2016 को दमयंती रावत की उत्तराखंड बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण अभिकरण के निदेशक पद पर प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उन्हें मूल विभाग को वापस किया गया, लेकिन उक्त अधिकारी एक वर्ष दो माह की अवधि तक वापस नहीं लौटीं।
उन्होंने 10 जुलाई, 2017 को कार्यभार ग्रहण किया। उनकी अनधिकृत गैर हाजिरी को लेकर महकमे की ओर से उन्हें आरोप पत्र दिया जा चुका है। इस मामले में शासन स्तर पर फैसला नहीं होने के आधार पर दमयंती रावत को दोबारा प्रतिनियुक्ति के लिए पात्र न मानते हुए अनापत्ति देने से इन्कार किया गया है।
ऐसे में दमयंती को लेकर श्रम मंत्री हरक सिंह रावत और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के बीच तलवारें खिंच गई है। जिससे टीएसआर सरकार के माथे पर तनाव की लकीरें खींच गई हैं। गौरतलब है कि जब हरक सिंह रावत कांग्रेस सरकार में थे तब दमयंती रावत को बीज प्रमाणीकरण बोर्ड मे प्रतिनियुक्ति को लेकर भाजपा ने खूब हो हल्ला किया था लेकिन अब हरक भाजपा में हैं लिहाजा मसला गले की हड़्डी बन गया है।