देहरादून: पौड़ी लोकसभा सीट को लेकर काफी चर्चाएं हुई। इस सीट पर एक तरह दिग्गज नेता पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी कांग्रेस से मैदान में थे, तो दूसरी और भाजपा से बीसी खंडूड़ी के बड़े बेटे कहे जाने वाले उनके शिष्य तीरथ सिंह रावत मैदान में थे। पौड़ी लोकसभा सीट भाजपा की सीट मानी जाती है, चेहरा चाहे कोई भी हो। एक बार फिर से इस सीट भाजपा भारी पड़ी और पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी के शिष्य तीरथ सिंह रावत ने उनके बेटे मनीष खंडूड़ी को मात देकर संसद का रास्ता तय किया।
पौड़ी सीट की केवल उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि देशभर में चर्चा हुई। दरअसल, पौड़ी सीट पर कांग्रेस से उनके बेटे मैदान में थे और दूसरी ओर उनके राजनीतिक शिष्य तीरथ सिंह रावत ताल ठोक रहे थे। बीसी खंडूड़ी ने अपने बेटे का समर्थने के बजाया पार्टी के पक्ष में मजबूती से खड़े रहने का निर्णय लिया। उन्होंने एक बार भी अपने बेटे के लिए वोट अपील नहीं की।
खंडूड़ी ने बेटे के कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा था कि वो अपनी पार्टी के साथ खड़े हैं। उनके बेटे ने जो किया, वो उनका व्यक्तिगत निर्णय है। बीसी खंडूड़ी अगर बेटे के पक्ष में खड़े होते, तो हो सकता था कि तीरथ सिंह रावत के लिए कुछ परेशानी होती। खंडूड़ी का अपने बेटे के पक्ष में ना जाना ही तीरथ के लिए जीत की तरह था। उसी दिन तय हो गया था कि जीत तीरथ सिंह रावत को ही मिलेगी। हुआ भी वही। तीरथ ने बड़े अंतर से जीत हासिल।