मजदूर राजेन्द्र प्रसाद गूंगे हैं। आग की सूचना के बाद घर पहुंच कर राजेंद्र ने लोगों को बुलाने का प्रयास किया, लेकिन आवाज नहीं होने के कारण वो किसी को बुला नहीं पाया। उसने अपने सारे जीवन की जमा पूंजी से अपने रैनबसेरे के लिए एक कच्चा मकान बनाया था, जो अब आग से जलकर राख हो चुका है। जिस वक्त उसके घर में आग लगी, उस वक्त वो मजदूरी करने के लिए घर से निकला था।
घर के आग की चपेट में आने की सूचना मिलते ही राजेंद्र और अन्य ग्रामीण आग बुझाने पहुंचे, लेकिन तब तक आग विक्राल हो चुकी थी। राजेंद्र प्रसाद ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहा। गांव के अन्य लोगों ने भी आग पर काबू पाने के लिए प्रयास किए, लेकिन तब तक आगू ने घर को अपनी चपेट में ले लिया था। घनसाली विकासखंड के भिलंगना के दर्जनों जंगल पिछले 36 घंटे से आग की चपेट में हैं। अब तक लाखों की वन संपदा जलकर खाक हो चुकी है। आग धीरे-धीरे गांवों के आसपास भी पहुंचने लगी है। जिससे गांवों पर भी संकट खड़ा हो गया है।