देहरादून- राज्य के सरकारी स्कूल जब खुलेंगे तो पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ पढाने वाले मास्टर जी भी वर्दी पहन कर आएंगे।
यानि राज्य मे 70 हजार से ज्यादा अध्यापकों पर भी ड्रेस कोड लागू रहेगा। तय है कि भारी भीड़ में भी गुरूजी को पहचान लिया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी ने सीमेट,डायट और SCERT में प्रशिक्षण के दौरान अध्यापक और अध्यापिकाओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया था।
इसके लिए निदेशक सीमा जौनसारी को शिक्षामंत्री अरविंद पाण्डेय ने दिल खोल कर शाबासी दी थी। वहीं शिक्षामंत्री ने अध्यापको की ड्रेस डिजायन के लिए अफसरों से जल्द से जल्द सुझाव देने को कहा है।
दिलचस्प बात ये है कि, अब जहां अध्यापक तय वर्दी में आएंगे वहीं शनिवार के दिन बच्चे बिना बस्ते के स्कूल आएंगे और अपने आपको निखारेंगे।
बहरहाल देखना ये है कि सरकारी गुरूजी ग्रुप सरकार के इस फैसले को अपने लिए बंदिश मानता है या पहचान ये देखना अभी बाकी है। अभी तक किसी भी शिक्षक यूनियन ने सरकार के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
हालांकि सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ड्रेस कोड लागू होने के बाद सरकारी स्कूलों के बच्चे निजी स्कूलों के छात्रों से इक्कीस साबित हो पाएंगे।