ग्रीन-टी और रेडवाइन का सेवन सेहत के लिए बरदान साबित हो सकता है। एक ताजा अध्ययन के अनुसार, ग्रीन-टी के सेवन से हृदयघात और हाई ब्लड पेसर समेत कुछ खास किस्म में कैंसर तक का खतरा कम हो जाता है। अध्ययन में यह भी सामने आया है कि ग्रीन और रेड वाइन में जो तत्व होते हैं वो शरीर में शरीर में उन जहरीले मोलक्यूल को बनने से रोकते हैं, जिनके कारण से मेंटल डिसॉर्डर की समस्या होती है
जहरीले मेटाबालिट्स के निर्माण को रोकती है ग्रीन टी
यह ताजा अध्ययन रसायन के संवादनाम की मैगजीन पर प्रकाशित हुआ है, जिसमें पाया गया है कि ग्रीन-टी में प्राकृतिक रूप से ऐसे कई तत्व पाए जाते हैं जो जहरीले मेटाबालिट्स के निर्माण को रोकते हैं। इस प्रकार ग्रीन-टी की मदद से लोगों में आनुवांशिक रूप से होने वाली कई बीमारियों को रोका जा सकता है।
ग्रीन-टी में पाए जाने वाले तत्वों से नसों को सक्रिय बनाने में मदद मिल सकती है। यहां तक कि इसके तत्व अल्जाइमर और पर्किंसन तक के खतरे को कम कर सकते हैं।
एक अध्ययन इहुद गजित की नेतृत्व में इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी में किया गया। अध्ययन कर्ताओं ने पाया कि ग्रीन टी में दो तत्व – इपीगैलोकैटेचिन (EGCG) और टैन्निक एसिड पाया जाता है। EGCG की स्वास्थ्यवर्धक क्षमता ने चिकित्सीय समुदाय का आकर्षित किया है।