देहरादून- प्राइमरी तक पढ़ाने के लिए डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) की अनिवार्यता के बीच बीएड पास शिक्षकों को राहत मिली है।
ऐसे शिक्षकों को अब डीएलएड करने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) की ओर से उन्हें ब्रिज कोर्स कराया जाएगा। यह छह माह का ऑनलाइन कोर्स होगा।
एनआईओएस के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि प्रदेशभर से अभी तक 32,847 शिक्षकों ने डीएलएड में एडमिशन लिया है। 44,695 ने पंजीकरण कराया था, जिसमें से 36,853 ने शुल्क जमा कराया है। इनमें से अभी 4006 शिक्षकों का वेरिफिकेशन होना बाकी है।
पंजीकरण कराने वालों में सरकारी स्कूलों के 1,468 शिक्षक, अशासकीय स्कूलों के 1,386, और प्राइवेट स्कूलों के 41,841 शिक्षक शामिल हैं। हालांकि, अब दस अक्तूबर का समय वेरिफिकेशन को दे दिया गया है। लिहाजा उम्मीद जताई जा रही है कि यह संख्या और ऊपर चली जाएगी।
एनआईओएस के क्षेत्रीय अधिकारी के मुताबिक, इनमें से तमाम ऐसे भी शिक्षक हैं, जिन्होंने पहले से बीएड किया हुआ है, लेकिन प्राइमरी शिक्षक होने के नाते उन्होंने डीएलएड में दाखिला लिया है। इन शिक्षकों को केवल छह माह का ऑनलाइन ब्रिज कोर्स करना होगा। इसकी शुरुआत नौ अक्तूबर से होने जा रही है। डीएलएड के लिए अब नए स्टडी सेंटर बनाने की प्रक्रिया एनआईओएस ने शुरू कर दी है।
किस जिले से कितने डीएलएड पंजीकरण
ऊधमसिंह नगर – 9,651, देहरादून- 7,417, रुद्रप्रयाग – 918,
अल्मोड़ा – 1,985 बागेश्वर – 1,149, चमोली – 1,302,
चंपावत – 1,155, पौड़ी – 2,146, हरिद्वार 8,380,
नैनीताल – 4,553, पिथौरागढ – 2,214, टिहरी – 2,205, उत्तरकाशी -1,620