बीते दिनो हाईकोर्ट के फरमान के बाद सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर घटनों के बल बैठी उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पांवों पर खड़े होने का मौका दे दिया है।
राज्य के खनन विभाग की रखी दलीलों पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को शराब के बाद खनन पर भी बड़ी राहत दी है। सरकार ने राज्य की आमदनी का बड़ा जरिया बताया और माननीया न्यायालय से दरख्वास्त करते हुए कहा कि अगर गंगा की तलछट से उपखनिज नहीं बटोरे गए तो बाढ़ की संभावना बढ़ जाएगी।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के पिछले दिनो शराब और खनन के कारोबार पर माननीय न्यालय ने कड़ा रूख अपनाते हुए जहां सूबे के चार धाम यात्रा से जुड़े तीन जिलों में शराब पर बंदिश लगाई थी वहीं एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खनन के कोरोबार पर भी उत्तराखंड सरकार का जवाब तलब किया था।
जिसके चलते उत्तराखंड सरकार के पेेशानी पर बल पड़ गए थे। लिहाजा आबकारी महकमे ने सुप्रीमकोर्ट के दरवाजे खटखटाए जहां अाबकारी महकमे की दलील सुनने के बाद तीनों जिलों में शराब बेचेने की इजाजत मिली वहीं अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद बेरोजगार हो चुके खनन महकमें को भी सुप्रीम कोर्ट ने रोजगार दिया है।
बहरहाल अब सूबे में गंगा नदी पर सरकार उप खनिज के खनन का कारोबार कर सकेगी और इस धंधे से फिर राजस्व अर्जित कर सकेगी। हालांकि सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती अवैध कारोबार को रोकने की होगी, ताकि फिर से अदालत की चौखट पर सिर झुकाने की नौबत न आए।