देहरादून- इन दिनों शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे एक्शन मूड में नजर आ रहे हैं…कल हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा की बैठक में एनसीईआरटी की किताबें पर्याप्त मात्रा में न होने पर औऱ बच्चों को उपलब्ध न होने पर शिक्षा मंत्री जी तिलमिला गए और अधिकारियों को फटकार लगाई..
वहीं उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार जल्द ‘वॉक इन इंटरव्यू’ के फार्मूले से भर्तियां कर सकता है. इस बात की पुष्टि खुद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने की. वॉक इन इंटरव्यू सेंटर स्कूलों का फार्मूला है। इसमें जरूरत के पदों पर स्कूल के स्तर से ही आवेदन मांगे जाते हैं और एक तय समयावधि के लिए शिक्षक नियुक्त कर लिया जाता है। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है।.
वर्तमान में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पांच हजार पद खाली
सोमवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस प्रस्ताव पर अधिकारियों से चर्चा की और जल्द से जल्द इसपर फैसला लेने के निर्देश भी दिए। आपको बता दें वर्तमान में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पांच हजार पद खाली हैं।
अतिथि शिक्षक व्यवस्था पर हाईकोर्ट लगा चुका है रोक
लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के स्तर पर स्थायी भर्ती में दो से तीन साल का वक्त लगने के कारण यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। वहीं कांग्रेस सरकार में शुरू की गई अतिथि शिक्षक व्यवस्था पर हाईकोर्ट रोक लगा चुका है। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने सेंटर स्कूलों का फार्मूला अपनाने का निर्णय किया है।
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने भी माना कि शिक्षकों की कमी
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने भी शिक्षकों की कमी को मानते हुए कहा कि अपनी कक्षा और विषय का शिक्षक हर छात्र-छात्रा का अधिकार है। लेकिन कई तकनीकी वजह से शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही है। वॉक इन इंटरव्यू की व्यवस्था से कुछ राहत मिल सकती है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। वॉक इन इंटरव्यू का प्रस्ताव मांग लिया गया है। कोशिश की जाएगी कि जल्द से जल्द सभी स्कूलों में विषयवार रिक्त पदों पर शिक्षक नियुक्त हो जाएं