देहरादून-पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संविधान के 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायतों को जो शक्ति दी थी वर्तमान सरकार पंचायतों के इन अधिकारों को समाप्त करने पर तुली हुई है। सूबे की सरकार बिना सोचे समझे और स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों की राय लिए बिना कई क्षेत्रों को नगर निगम व नगर पालिका व नगर पंचायतों में मिलाने जैसा कदम उठा रही है, जिससे भविष्य में सम्मिलित किये जाने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
ये बात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष त्रिवेंद्र रावत ने परेड ग्राउंड में उस वक्त कही जब वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे उत्तराखंड ग्राम पंचायत संगठन को पार्टी का समर्थन देने गए। प्रीतम सिंह ने कहा कि स्थानीय लोगों एवं पंचायत प्रतिनिधियों की राय लिए बिना सरकार को नगर निकायों की सीमाओं का विस्तार नहीं करना चाहिए।
प्रीतम ने पंचायत प्रतिनिधियों की मांग को जायज करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मजबूत पंचायतीराज व्यवस्था में आस्था रखती है। कांग्रेस ने हमेशा पंचायतीराज व्यवस्था की मजबूती के लिए कार्य किया है।
मौजूदा सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रीतम ने कहा कि एक हफ्ता होने को है लेकिन सरकार का दिल पंचायत प्रतिनिधियों की भूखहड़ताल से नहीं पसीज रहा है,सरकार अड़ियल रूख अपना रही है।