देहरादून। सरकारी महकमों में आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों को संविदा पर रखने का आदेश उत्तराखंड सरकार ने जारी कर दिया। इस आदेश से उपनल समेत विभिन्न आउटसोर्स एजेंसियों के जरिए कार्यरत कर्मचारियों के सरकारी महकमों में समायोजन की राह तैयार हो गई है। उधर, शासनादेश जारी होने के बाद उपनल कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी। राज्य मंत्रिमंडल ने राज्याधीन सेवाओं के तहत सरकारी महकमों में रिक्त पदों पर आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों को संविदा देने का अहम फैसला लिया था। इस पर अमल करते हुए कार्मिक सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने उक्त संबंध में आदेश जारी कर दिए।
आदेश के मुताबिक सरकारी विभागों एवं निगमों में विभिन्न स्तरों पर समूह-ग के सीधी भर्ती के रिक्त पदों के सापेक्ष आउटसोर्सिंग के माध्यम से लगाए गए कर्मचारियों, जिन्होंने 13 दिसंबर, 2016 को आठ वर्ष की निरंतर सेवा अवधि पूरी कर ली हो, उन्हें संविदा पर नियुक्ति दी जाएगी। ऐसे कर्मचारियों के लिए संविदा नियुक्ति के पद के लिए आउटसोर्सिंग पर रखे जाने की तारीख को निर्धारित आयु सीमा और शैक्षिक योग्यता पूरी करने की शर्त भी रखी गई है। आठ साल पूरे नहीं करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा जारी रहेगी। उन्हें भविष्य में आठ वर्ष पूरा करने पर संविदा में नियुक्त माना जाएगा। इसके साथ ही विभागीय ढांचे के तहत समूह-घ के मृत संवर्ग के सीधी भर्ती के पदों के सापेक्ष आउटसोर्सिंग पर लगाए गए कर्मचारियों को संविदा पर नियुक्त माने जाने की कार्यवाही पदों की उतनी संख्या की सीमा तक रहेगी, जितनी संख्या में पद उक्त संवर्ग को मृत घोषित करने से पहले सृजित थे।
संविदा पर नियुक्त माने जाने वाले कार्मिकों की सेवा शर्तें दोबारा निर्धारित होंगी। ऐसे कार्मिकों को वर्तमान में देय वेतन लाभ को आगामी तीन वर्ष तक यथावत रखा जाएगा। संविदा में नियुक्ति की प्रक्रिया में भी आरक्षण संबंधी मानकों का पालन होगा। आरक्षण पूरा करने के लिए जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त पद सृजित किए जाएंगे। उधर, शासनादेश जारी होने से उपनल कार्मिकों में खुशी की लहर है। उन्होंने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की।