देहरादून- सब कुछ ठीक-ठाक रहा और सलीके से काम हुआ तो बागवानी के क्षेत्र में उत्तराखंड का नाम भी हिमाचल और कश्मीर की तरह विश्व फलक पर जगमगा सकता है। उसकी बड़ी वजह ये है कि उत्तराखंड में बागवानी विकास के प्रोजेक्ट को विश्व बैंक ने अपनी मंजूरी दे दी है।
विश्व बैंक ने राज्य में बागवानी के लिए 700 करोड़ रुपये का एकीकृत बागवानी विकास प्रोजेक्ट मंजूर किया। उत्तराखंड के उद्यान एवं कृषि सचिव डी. सेंथिल पांडियन ने इसकी पुष्टि की। इस राशि का 80 फीसदी विश्व बैंक और बाकी 20 फीसदी राज्य सरकार को देने होंगे।
बागवानी के इस प्रोजेक्ट के लिए सात साल का वक्त तय किया है। पांडियन ने बताया कि विश्व बैंक से बेहद रियायती दर( दो से तीन प्रतिशत तक) यह लोन मिलेगा। गौरतलब है कि दिल्ली में वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव समीर खरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसका निर्णय हुआ।
माना जा रहा है कि अगर लोन का इस्तमाल सलीके से हुआ तो उत्तराखंड की तकदीर बदल जाएगी। लेकिन साथ ही सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इस प्रोजेक्ट में पहाड़ के उस काश्तकार को भी फायदा पहुंच पाएगा जिसकी माली हालत सुधारने के लिए ये प्रोजेक्ट मंजूर हुआ होगा। या फिर यू हीं सिर्फ अपने-अपने को रेवड़ियां बंटेगी।