उत्तराखंडियों के लाल आज देश के ऊंचे पदों पर विराजमान है. देश की रक्षा की बागडोर कई उत्तराखंडियों के हाथ में है बात चाहे सेना प्रमुख बिपिन रावत की करें या अजीत डोभाल की या धस्माना की. इसी केसाथ देश की सेवा में उत्तराखंड के कई बेटे देश की सीमा पर रहकर दुश्मनों के छक्के छुड़ा रहे हैं. जो की प्रदेश के लिए गर्व की बात है.
देवभूमि एक बार फिर हुई गौरंवित
वहीं आज फिर देवभूमि गौरंवित हुई है. जी हां क्योंकि अल्मोड़ा के आरपी सनवाल को सीमा सुरक्षा बल को महानिरीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. आपको बता दें कि आर पी सनवाल ने 1984 में सीमा सुरक्षा बल से जुड़कर देश की सेवा करनी शुरु की थी और 35 वर्षों की इस सेर्विस में आरपी सनवाल ने देश के लिए ऐसे काम किये जिन पर उन्होंने जीत हासिल की.
आरपी सनवाल की उपलब्धियां
आपको बता दें कि आरपी सनवाल ने पश्चिमी बंगाल में गोरखा समस्या, बिहार झारखंड में नक्सल समस्या के साथ ही जम्मू कश्मीर तथा त्रिपुरा में सक्रिय उग्रवादी आंदोलनों का सफाया करने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया. गुजरात में रिजर्व पुलिस ने हड़ताल किए जाने पर उन्हीं को इस समस्या से निपटने के लिए लगाया गया और उन्होंने इसे बखूबी काबू भी किया।
और इतनी ही नहीं आपको बता दें कि आरपी सनवाल एक प्रशिक्षित पर्वतारोही भी हैं. आरपी सनवाल ने माउंटेनियरिंग का बेसिक और एडवांस दोनों कोर्स किया है. उन्होंने बीएसएफ के पर्वतारोहण अभियान के अंतर्गत हरदेवल और त्रिशूल पर्वत पर फतेह पाई। वह एक क्वालिफाइड कमांडो भी रहे हैं और उन्हें ब्लैक कैट कमांडो एनएसजी के साथ भी सेवा करने का अवसर मिला है। उन्हें कई प्रशस्ति पत्र, राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक आदि से सम्मानित किया गया है।
आपको बता दें कि आरपी सनवाल इससे पहले मुख्यालय मिजोरम एवं कछार फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल सहित मासिमपुर परिसर के सबसे वरिष्ठ उपमहानिरीक्षक के साथ साथ प्रधान स्टाफ अधिकारी के पद पर भी तैनात थे।