अक्सर मिठाई की दुकानों में मिठाई खुले में रखी जाती है। मिठाई कबकी है और कब तक खा सकते हैं इसकी जानकारी हमें नहीं होती। अक्सर हम मिठाई को देखकर अंदाजा लगाते हैं कि मिठाई ताजी है या बासी। दुकानदार मिठाई को फ्रीज करके रखते हैं और ताजी होने का दावा करते हैं जिसे हम चाव से खाते हैं औऱ बीमार हो जाते हैं लेकिन अब ये समस्या दूर होगी। जी हां क्योंकि अब मिठाई की छोटी दुकान पर भी आपको मिठाई की जानकारी एक्सपायरी डेट के साथ मिलेगी। आपको जानकारी मिलेगी की मिठाई कब बनी है और आप उसे कब तक खा सकते हैं। नमकीन बिस्कुट से लेकर क्रीम और कई चीजों में जो पैकेट में आते हैं उसमे मैनीफेक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट लिखी होती है लेकिन खुली मिठाई का पता नहीं चल पाता है।
आपको बता दें कि अब मिठाई की उस दुकान में जानकारी लिखनी अनिवार्य की जा रही है जहां मिठाइयां खुली ट्रे में ऱखी जाती है। आपको बता दें कि नया नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा, लेकिन दुकानदारों को लगता है कि एक्सपायरी डेट लिखने से मिठाई की बिक्री दस फीसदी तक कम हाे जाएगी। ग्राहक वही मिठाई खरीदेगा जो उस दिन बनी हाेगी।
शिकायतों के बाद लिया गया फैसला
आपको बता दें कि अक्सर खाद्य विभाग विभाग द्वारा दुकानों में छापेमारी कर नकली मावा और नकली मिठाई को जब्त किया गया है। ऐसे में मुसीबत और बढ़ जाती है जब खुली बासी मिठाई महंगे दामों में बेची जाती है। बासी और पुरानी मिठाइयां बेचे जाने की लगातार शिकायतें मिलने के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने मिठाई की दुकानों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट को लिखें। पहले यह निर्णय एक जून से लागू होना था, लेकिन काेरोना की वजह से इसे तीन महीना बढ़ा दिया गया था।