जापान इन्टरनेशल काॅपरेशन एजेंसी के आमंत्रण पर जापान पहुंचे उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने वहां वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक की। ये बैठक कई मायनों में अहम रही। इस मीटिंग में भूस्खलन के बारे में जरूरी जानकारियां दी गई। इस बीच उत्तराखंड के लिए एक शानदार खबर सामने आई है। जापान द्वारा 900 करोड़ रुपये उत्तराखंड को दिए जाएंगे। इन रुपयों को आधनिक टेक्नॉलॉजी में इस्तेमाल किया जाएगा। भूस्खलन रोकने में किस तरह से मदद मिलेगी, इस टेक्नोलॉजी के जरिए इसका हल निकाला जाएगा।
आपको बता दें कि जापान हर वक्त भूकंप, बाढ़, सुनामी, भूस्खलन जैसी आपदाएं झेलता रहता है। इसके बाद भी इस मुल्क की टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस है कि आज प्रकृतिक आपदाओं से ये मुल्क निपटने में सक्षम है। डॉ. हरक सिंह रावत ने जापान का धन्यवाद देते हुए कहा कि ये पैसा उत्तराखंड में भू-स्खलन प्रभावित क्षेत्र में जापान की तकनीकी मदद से खर्च होगा।
जापान भी उत्तराखण्ड की तरह वन क्षेत्र को लेकर समानता रखता है। जापान में भी 67 प्रतिशत वनाच्छादित क्षेत्र है। उत्तराखण्ड में 71 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र में आता है। पहाड़ी क्षेत्रों में व्यापक भू-स्खलन के बाद उसके ट्रीटमेंट के लिए ही जापान इन्टरनेशल काॅपरेशन एजेंसी की स्थापना की गई थी। इस एजेंसी ने भू-स्खलन प्रभावी क्षेत्रों का व्यापक ट्रीटमेंट करते हुए पूरी दुनिया के सामने अपनी तकनीक की मिशाल पेश की है। इस एजेंसी ने उत्तराखण्ड के साथ अपनी तकनीक को साझा करने पर भी सहमति जताई।
डॉ. रावत ने जापान की फारेस्ट्री एजेंसी के महानिदेशक ओकी से भी मुलाकात की। इस दौरान भी भू-स्खलन रोकने की तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। उत्तराखण्ड की तरफ से वन मंत्री के साथ मुख्य सचिव एस. रामास्वामी, पीसीसीएफ (मानव संसाधन) मोनिश मलिक, एजेंसी के मुख्य परियोजना अधिकारी अनूप मलिक और उप निदेशक राजाजी पार्क किशन चन्द शामिल थे।
उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद से राज्य सरकार का ये पहला दल है जो किसी विदेशी संस्थान के खर्चे पर विदेश की यात्रा पर गया। खास बात ये है कि उत्तराखंड में भू-स्खलन को रोकने के लिए पहली बार बाहर से निवेश हो रहा है। इससे पहले राज्य से जितने भी दल विदेश यात्राओं पर गए उन्होंने राज्य का ही पैसा खर्च किया और उसके बदले राज्य को क्या मिला आज तक पता नहीं।
हरक सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड को इसका व्यापक फायगा भी मिलेगा। इसके साथ ही हरक ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत का शुक्रिया अदा किया। ये पहली बार है कि जापान अब उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य को अपनी तकनीक के साथ -साथ आर्थिक सहयोग भी देने में मदद कर रहा है। जापान दौरे के पहले दिन ही वन एवं पर्यावरण मंत्री ने इस जापानी दल की सीनियर वाइस प्रेजीडेंट सुजुकी नोरिको से मलाकात की। इसके साथ ही उन्होंने इस टेक्नोलॉजी को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की।