देहरादून- अपने मुलाजिमों की सेहत का ख्याल जैसे केंद्र सरकार रखती है। उसी तर्ज पर अब राज्य सरकार भी रख सकती है। इसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय ने एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है। इस प्रस्ताव के तहत राज्य के सरकारी कर्मचारियों, निगम कर्मियों, पेंशनर्स, राज्य निर्माण आंदोलनकारियों और मान्यता प्राप्त पत्रकारों को अब केंद्र की तर्ज पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रतिपूर्ति की मौजूदा दरों को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। सरकार राज्य कर्मचारियों को इलाज के बदले चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा देती है। प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के बदले कर्मचारियों को भुगतान किया जाता है। मगर भुगतान सरकारी और एम्स की दर पर होने से कर्मचारियों को इलाज का पूरा पैसा नहीं मिल पाता है। लिहाजा लम्बे समय से कर्मचारी चिकित्सा प्रतिपूर्ति भुगतान की दरों को बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
खुशखबरी ये है कि उनकी मांग पर गौर करते हुए अब स्वास्थ्य विभाग ने दरों को बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब कर्मचारियों को प्राइवेट अस्पतालों में कराए गए इलाज का पैसा सीजीएचएस की तर्ज पर मिलेगा। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया है। भुगतान की दर बढ़ाने का निर्णय शासन स्तर पर लिया गया था और अब जल्दी ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस रावत ने चिकित्सा प्रतिपूर्ति की दर बढ़ाने की पुष्टि की।