इस बीच एक और खुशखबरी आई हैं कि राज्य के किसानों को अपने खेत की सेहत की जांच लिए किसान सेवा केंद्र तक नहीं जाना पड़ेगा। अब राज्य के किसान अपने खेत की मिट्टी की ग्राम पंचायत में ही करवा लेंगे। इसके लिए अब पंचायत स्तर पर छोटी लैब बनवाई जाएगी जहां हैंड डिवाइस पर मिट्टी की सेहत के बारे में पता चल जाएगा। मिनी लैब की हैंड डिवाइस उत्तराखंड के किसान को उसके खेत की मिट्टी के बार में एक दर्जन जानकारी दे सकेगी। राज्य को ये हैंड डिवाइस डबल इंजन के दौर मे केंद्र सरकार मुहैय्या करवाएगी।
गौरतलब है कि हरित क्रांति के दौर में पैदा हुए रसायन युक्त उर्वरक और दवाओं ने खेत की सेहत जर्जर कर दी है। ऐसे में मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो रही है जबकि जीवन के लिए घातक माने जाने वाले कई रसायनों की मौजूदगी उपजाए अन्न में भी मिल रही है। ये गुड न्यूज केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन ने अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान दी थी।