देहरादूनस : उत्तराखंड की जनता की समस्याओं से निपटने के लिए जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है तो वहीं समय-समय पर जनता दरबार लगाकर मुख्यमंत्री भी जनता की समस्याओं को निपटाते नजर आते हैं लेकिन अब जनता की समस्याएं और सुविधाजनक तरीके से निपटने के लिए उत्तराखंड कैबिनेट ने राज्य लोक सेवा अभिकरण के गठन को मंजूरी दी है…जिसका कार्य जनता की समस्याओं से निपटने के लिए होगा। यूं तो अभी जनता की समस्याओं को कई माध्यमों के जरिए प्रदेश में सुलझाया जाता है, लेकिन अब मध्य प्रदेश की तर्ज पर राज्य लोक सेवा अभिकरण के माध्यम से आसानी से जनता की समस्याएं सरकार हल करेगी, जिसको त्रिवेंद्र कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
दो समितियां भी की गई गठित
जनता की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य लोक सेवा अभिकरण के गठन के साथ ही दो समितियां भी गठित की गई…जिसमे एक समिति मुख्यमंत्री के अध्यक्षता में काम करेगी जिसमें मुख्यमंत्री के साथ राजस्व, सूचना और कार्मिक मंत्री सदस्य होंगे साथ ही मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव सुराज विभाग, प्रमुख सचिव वित्त विभाग, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग, और प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी विभाग भी सदस्य होंगे। खास बात ये है कि जो समस्याएं राज्य लोक सेवा अभिकरण में दर्ज होंगी, उन्हे मुख्यमंत्री आम जनता को अपनी टेबल पर बुलाकर समिति के सदस्यों के साथ समाधान भी करेंगे।
दूसरी समिति
वहीं दूसरी समिति जो बनेगी उसके अध्यक्ष अपर मुख्यसचिव सुराज विभाग, प्रमुख सचिव या सचिव सुराज विभाग होंगे जिनके साथ सदस्य के रूप राजस्व, कार्मिक सूचना प्राद्यौगिकी के सचिव काम करेंगे. साथ ही उत्तराखंड राज्य लोक सेवा अभिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी सदस्य के रूप में समिति में होंगे।
राज्य लोक सेवा अभिकरण के उदेश्य
राज्य लोक सेवा अभिकरण का उदेश्य जनता की समस्याएं एक निश्चित समय में हल करने की होगी, जिस विभाग से सम्बधित शिकायत होगी राज्य लोक सेवा अभिकरण उस विभाग को समस्या से अवगत करा देगा। जो अधिकारी और कर्मचारी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं होंगे,उनकी नेगेटिव मार्किंग भी सेवा काम में जोड़ी जाएंगीे।