देहरादून: सातवें वेतनमान को लेकर राज्य के निगमों-उपक्रमों के कार्मिकों के आंदोलन ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। सरकार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, परिषदों, स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्मिकों को नया वेतन देने के लिए विभागों को चुप्पी तोड़ने को कहा है। सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों और प्रभारी सचिवों को निगमों-उपक्रमों के निदेशक मंडलों से नए वेतनमान का प्रस्ताव तलब कराने के आदेश दिए गए हैं।
सरकारी कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ मिल चुका है, लेकिन निगमों-उपक्रमों, परिषदों और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्मिक लंबे अरसे से सिर्फ इंतजार कर रहे हैं। इसे लेकर विभिन्न निगमों के संयुक्त मोर्चे और राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के तहत कार्मिक आंदोलनरत हैं। उनके आंदोलन को राजकीय कर्मचारियों के संगठनों ने भी समर्थन देने की घोषणा की है।
कार्मिकों के तेवर के बाद सरकार ने भी संबंधित महकमों से अपने निगमों-उपक्रमों को सातवां वेतनमान देने के संबंध में चुप्पी तोड़ने को कहा है। शासन ने अधिकतर विभागों की ओर से उक्त प्रस्ताव उपलब्ध नहीं कराने का जिक्र किया है। इस वजह से उक्त कार्मिकों को नया वेतन नहीं मिल पाया है। औद्योगिक विकास अपर सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर महकमों को संबंधित निगमों-उपक्रमों के बोर्ड या निदेशक मंडल से सातवें वेतनमान की संस्तुति के साथ प्रस्ताव सार्वजनिक उद्यम विभाग को तत्काल मुहैया कराने को कहा है। इससे निगम-उपक्रम कार्मिकों को नया वेतनमान जल्द मिल सकेगा