24 जून को मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के बाद प्रथा पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है। क्षेत्र के लोगों ने इस पहल की सराहना की है। पंजिया के ग्रामीणों के श्रमदान से मंदिर परिसर में भंडारगृह और प्रांगण परिसर का निर्माण कराया जा रहा है।
मंदिर में विशेष पूजा अनुष्ठान के साथ ही क्षेत्रीय ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि 24 जून से ही सदियों से मंदिर में चली आ रही बलि प्रथा भी बंद कर दी जाए। भविष्य में मंदिर परिसर में किसी जानवर की बलि नहीं दी जाएगी। अगर कोई मंदिर में बकरा चढ़ाना चाहेंगे, तो देवता के नाम का बकरा छोड़ दिया जाएगा।