नैनीताल- प्रदेश के उन प्राथमिक शिक्षकों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है, जिनका शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक में समायोजन हुआ था।
दरअसल सूबे का शिक्षा विभाग न तो उनकी पगार बढ़ा रहा था और ना ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के दायरे में ले रहा था।ऐसे मे इन समायोजित शिक्षकों के मन में व्यवस्था के खिलाफ आक्रोश पनप रहा था।
हालांकि अब शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापकों में समायोजित शिक्षकों के अच्छे दिनों की शुरूआत हो गई है। उसकी वजह है उत्तराखंड समायोजित प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ललित द्विवेदी की दायर याचिका।
जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने राज्य के शिक्षाविभाग को 28 दिन के भीतर इन शिक्षकों को सातवे वेतन आयोग की सिफारिश का लाभ और वेतन वृद्धि के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि साल 2015 में शिक्षा मित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर हुआ था बावजूद इसके महकमा शिक्षा मित्रों की मांग की अनसुनी कर रहा था। लिहाजा संघ के अध्यक्ष ललित द्विवेदी ने महकमे के इस रवैए के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में रिट दायर की थी।
जिस सुनवाई करते हुए माननीय न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की पीठ ने महकमे को यह फरमान सुनाया है। तय है कि माननीय हाईकोर्ट के आदेश का अमल महकमें को करना पड़ेगा और राज्य के 3652 अध्यापकों को बढ़ी हुई पगार मिलेंगी।