उत्तरकाशी- पिछले कुछ सालों से बरसात में चार धाम यात्रा भूस्खलन के चलते रूक जाती थी। लेकिन अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा और सरकार की मंशा पूरी हुई तो राज्य की आर्थिक रीढ मानी जाने वाली 4 धाम यात्रा फिर कभी नही रूकेगी जब चारधाम कनेक्टिविटी परियोजना अपने अंजाम तक पंहुच जाएगी। परियोजना के पहले चरण की शुरूआत गंगोत्री धाम से होगी ।
इस परियोजना के तहत धरासू से गंगोत्री तक 124 किलोमीटर लंबा नया राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया जाएगा। इस परियोजना के तहत भूस्खलन वाले क्षेत्रों में सुरंग,पेब्ड शोल्डर,गैबलियन वॉल जैसे निर्माण किए जाएंगे ताकि दुर्घटनांए न के बराबर हों और सफर महफूज रहे।नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (NHIDLC ) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि कंपनी का यह राज्य में पहला काम होगा लेकिंन चारधाम कनेक्टिविटी परियोजना के तहत धरासू से गंगोत्री जाने वाले नए रास्ते को NHIDLC ही बनाएगी। इस परियोजना में कहीं-कही बीआरओ भी निर्माण करेगा,लेकिंन सख्त चट्टानों वाले क्षेत्रों में NHIDLC ही सड़क निर्माण का कार्य करेगा।
राज्य के लिहाज से महत्वपूर्ण माने जानें वाली इस महत्वाकांक्षी योजना की डीपीआर तैयार कि जा रही है जिसकी जिम्मेदारी अमेरिकन कंपनी ए कॉम को दी गई है। DPR का करार ए कॉम के साथ साल 2014 में हो गया था। जैसे ही ए कॉम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी निर्माण काम शुरू हो जाएगा।
उत्तरकाशी के स्वारीघाट,नालूपानी,नेताला गर्म बाईपास आदि क्षेत्रों का सर्वे कर लिया गया है। गंगोत्री धाम के नए रास्ते में मलबा रोकने के लिए गैबलियन वॉल बनाई जाएगी। इसके साथ ही साथ कई जगहों पर सुरंग भी बनाई जाएगी ताकि यात्रा सीजन के दौरान रास्ता सुरक्षित रहे।
बस देखना ये है कि काम कितनी जल्दी पूरा होता है हालांकि 2 साल मे अमेरिकन कंपनी ए कॉम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करके नहीं दे पाई है । वैसे इस सड़क का काम तेजी से होना चाहिए कहीं ऐसा न हो जैसा देहरादून हरिद्वार और ऋषिकेश मार्ग का हो रहा है। निर्माण कंपनी सालों से लगी हैं लेकिन काम अब तक पूरा नही हो पाया कुंभ जैसा महापर्व भी ऐसे ही निबटा दिया गया। खैर उम्मीद पर दुनिया कायम है।
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