देहरादून : एक के बाद एक कर उत्तराखंड में मासूमों के साथ दुष्कर्म करने वालों को सजा देकर सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है पहले बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप के आरोपियों को सजा दी गई और जब नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले फूफा को.
जी हां अपर जिला एवं सेशन जज अनिरुद्ध भट्ट की फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोप में 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। वहीं जुर्माना न भरने पर आरोपी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतना होगा।
फूफा ने किया भतीजी से दुष्कर्म
बता दें कि पीडि़ता के पिता ने 19 सितंबर 2018 को विकासनगर थाने में नाबालिग से दुष्कर्म करने की शिकायत दर्ज कराई थी। पिता ने पुलिस को बताया था कि उसकी 13 साल बेटी अपनी बुआ के घर कालसी में रहकर पढ़ाई करती थी जो की 7वीं कक्षा में थी। पिता ने बताया कि उनकी बेटी पर फूफा बुरी नजर रखता था औऱ इसी के चलते वो अपनी बेटी को वापस घर ले आए। जिसके बाद किशोरी ने घर आकर हमें आपबीती सुनाई की फूफा ने उसके साथ क्या किया लेकिन लोक-लाज में बदनामी की डर से वो चुप रहे।
भाई को लेने गई स्कूल, फूफा बहला-फुसलाकर ले गया
पिता ने बताया कि इसके बाद 19 सितंबर 2018 को वो काम पर गए थे औऱ उनकी बेटी घर पर अकेली थी औऱ बेटा स्कूल गया था। पिता ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी दोपहर को भाई को स्कूल गई। तभी इस दौरान फूफा उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और कैद कर लिया जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची औऱ किशोरी को मुक्त कराया।
पीड़िता और आरोपी के कपड़ों को भी जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया था
पीड़िता और आरोपी के कपड़ों को भी जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया। दो महीने के भीतर पुलिस ने इस मुकदमे में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष ने लड़की की उम्र को लेकर सवाल उठाए, लेकिन उसके स्कूली प्रमाणपत्रों से साबित हुआ कि उसकी उम्र 18 वर्ष से कम है। इस मुकदमे में अभियोजन की ओर से कुल 10 गवाह पेश किए गए। वहीं 20 दस्तावेजी साक्ष्य अदालत में पेश किए गए जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि करने वाली एफएसएल की रिपोर्ट भी शामिल थी। गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने दोषी को मंगलवार को 20 साल की सजा सुनाई।