चमोली : औली के हसीन वादियों के बीच हुई गुप्ता बंधुओं के बेटों की शाही शादी के बाद औली कूड़े के ढेर में तब्दील हो गया है जिसके बाद नगर पालिका द्वारा अब तक 235 क्विंटल कूड़े उठाया जा चुका है. पहले सबकी नजरें जहां गुप्ता बंधुओं की शाही शादी में टिकी थी तोवहीं अब सबकी निगाहें वहां हुए नुकसान और सफाई पर टिकी है कि आखिर कैसे औऱ कब तक औली की वहीं खूबसूरती लौटेगी. बता दें कि गुप्ता बंधुओं ने कूड़ा निस्तारण और साफ सफाई के लिए 54 हजार रुपये जमा कराए थे और सफाई की पूरी लागत का भुगतान करने के लिए भी सहमत हो गए हैं
सीएम समेत सांसद अजय भट्ट पहुंचे थे शाही शादी में
गौर हो की औली में गुप्ता बंधुओं के दो बेटों का शादी समारोह 18 से 22 जून तक आयोजित किया गया था। इस शादी में बॉलीवुड की कई जानी मानी हस्तियों औऱ साथ ही राजनीति के क्षेत्र से कई दिग्गजो ने शिरकत की थी. सीएम त्रिवेंद्र रावत सहित सांसद अजय भट्ट और विधायकों ने भी शादी में शिरकत कर दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद दिया था.
आपको बता दें कि इस कार्य में पालिका के 20 कर्मचारियों के अलावा कुछ श्रमिक भी लगाए गए हैं। प्रशासन की टीम पूरी सफाई व्यवस्था पर नजर बनाए हुए है। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी चमोली व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सात जुलाई को हाई कोर्ट में सौंपनी है।
शाही शादी के बाद गुप्ता बंधू घर रवाना, सबकी नजरें नुकसान और सफाई पर
लेकिन अब सवाल वहां की खूबसूरत वादियों के बीच जमा कूड़े का ढेर है कि कैसे शाही शादी के चक्कर में औली औऱ देवभूमि की खूबसूरती को खराब किया गया. 22 जून को खत्म हुई शादी के बाद गुप्ता बंधु घर को रवाना हुए लेकिन अभी भी औली में टेंट कॉलोनी, शादी मंडप, स्वागत कक्ष, रसोई घर और स्टेज सेट उखाड़ने का कार्य और कूड़े उठाने का काम चल रहा है. शाही शादी के बाद अब सबकी नजरें वहां हुए नुकसान औऱ कूड़े निस्तारण पर है.
औली में अभी भी टेंट कॉलोनियों को उखाड़ा जा रहा है
नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार के अनुसार औली में अभी भी टेंट कॉलोनियों को उखाड़ा जा रहा है. दस नंबर टावर से लेकर क्लिप टॉप क्लब तक कई जगहों पर कूड़े के ढेर लगा हुआ है जिसका ट्रकों से निस्तारण किया जा रहा है।अभी पूरी सफाई में एक दो दिन का वक्त और लगेगा. गुप्ता परिवार ने उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में 54,000 रुपये जमा किए थे। सफाई कार्य पूरा होने के बाद, मैनुअल श्रम और वाहनों सहित सभी खर्चों का कुल बिल उन्हें भेजा जाएगा।
वहीं जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जाएगी। हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को सात जुलाई तक शादी से पर्यावरण को हुए नुकसान पर अपनी रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।