उत्तराखंड के बच्चों से लेकर युवाओं ने अपना लोहा पूरे देश भर में मनवाया है और हर जगह उत्तराखंडियों का डंका बजता है…चाहे बात खेल की करें या शिक्षा की, बात चाहे बड़े पर्दे की करे या छोटे पर्दे की…हर जगह उत्तराखंडियों का बोलबाला है.
हल्द्वानी की दीक्षा से हुए सीएम प्रभावित
पिछले साल पीएम मोदी से लेकर महानायक अमिताभ बच्चन उत्तराखंड में पढ़ाई कर रहे बच्चों के ज्ञान से खासा प्रभावित हुए हैं. वहीँ इस बार पीएम मोदी एक बार फिर उत्तराखंड की छात्रा से प्रभावित हुए. जी हां स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन के जरिये पीएम मोदी हल्द्वानी की बेटी दीक्षा हरयाल से प्रभावित हए. यही नहीं पीएम मोदी ने दीक्षा से सात मिनट बात की। वीडियो कांफ्रेंसिंग पर दीक्षा ने उनके समक्ष ऐसे बच्चों की बात रखी, जो डिस्लेक्सिया हैं। साथ ही यह भी बताया कि वे लोग सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं। मोदी ने जवाब में गुड…गुड वर्क बोला और रिसर्च जारी रखने को कहा।
आपको बता दें दीक्षा हिमालय फार्म निवासी शहर के प्रमुख कारोबारी अनिल हरयाल की बेटी और कांग्रेस नेता टोनी हरयाल की भतीजी दीक्षा हैं. जो की IIT खडग़पुर कोलकाता में पढ़ती है.
मोदी के सामने की डिस्लेक्सिक बच्चों पर तैयार हो रहे सॉफ्टवेयर पर चर्चा
दीक्षा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू आइडियाज के लिए स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन नाम से मंच प्रदान किया है। जिसमें पीएम मोदी सीधे संवाद करते हैं। शनिवार को हुई वीडिया कांफ्रेंसिंग के लिए छह-छह स्टूडेंट की दो टीमों का चयन किया गया था, जिसमें वह अकेली छात्रा थीं। मोदी के सामने उन्होंने डिस्लेक्सिक बच्चों पर तैयार हो रहे सॉफ्टवेयर पर चर्चा की। डिस्लेक्सिक वह बच्चे हैं, जो मानसिक रूप से बीमार होते हैं पर अधिकांश परिजन ऐसे बच्चों को समझ नहीं पाते और पढ़ाई में कमजोर समझ लेते हैं। तमाम बच्चों को कमजोर समझ उनके परिजन प्रताडि़त भी करते हैं। जबकि यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज असंभव है। ऐसे बच्चों को अक्षर छोटे-बड़े, धुंधले दिखते हैं। कुछ देर पढऩे पर उनको सिर में तरह-तरह से पीढ़ा होने लगती है। 2013 में हुए सर्वे के मुताबिक देश में ऐसे बच्चों की संख्या 35 मिलियन है। इन बच्चों को मुख्यधारा में ला सकें, इसके लिए सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है।