देहरादून: देहरादून में मोबाइल गेम के क्रेज बच्चों में खतरनाक होता जा रहा है। राजधानी में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें पांच बच्चे फ्री-फायर और पब-जी गेम खेलते-खेलते गायब हो गए। परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने एक टीम का गठन कर बच्चों को खोजने का अभियान शुरू किया। पुलिस ने बच्चों को खोज निकाला। उनसे पूछताछ में जो बात सामने आई। उसने पुलिस और बच्चों के परिजनों दोनों को चैंका दिया।
11 जुलाई को दो छात्र गायब
11 जुलाई को शमून राणा और डेनियल सपेरा बस्ती शहंशाही आश्रम थाना राजपुर पुलिस में बच्चों की गुमशुदगी दर्ज कराई। दोनों के पुत्र साहिल राणा (15) और आशीष (13) घर से स्कूल गए, लेकिन वापस नहीं आए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और उनके आधार पर कई जगहों पर तलाश की। लेकिन कहीं पता नहीं चला।
22 जुलाई को तीन छात्र लापता
22 जुलाई को खोला गांव सपेरा बस्ती निवासी सायरा बानो, संगीता और कुठालगेट निवासी रामेश्वर ने भी अपने बच्चों की गुमशुदगी की तहरीर दी। तीनों के घर से भी सर्फराज (13) शुभम (16) और राहुल (10) भी घर से स्कूल गये लेकिन वापस लौटकर नहीं आए। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर इनकी खोजबीन भी शुरू की।
एसएसपी ने बनाई टीम
एसएसपी खुद पूरे मामले की निगरानी कर रही थी। एसओजी ने सर्विलांस की मदद से गुमशुदा साहिल राणा और आशीष को नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन थाना सिंहानी गेट नई दिल्ली में ट्रेस किया, जिसके बाद पुलिस टीम ने वहां जाकर दोनों को बरामद कर लिया। इनके अलावा सर्फराज, शुभम और राहुल रेलवे स्टेशन हजरत निजामुद्दीन पर होने की सूचना मिली। उनको भी बरामद किया गया।
दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर कर रहे थे काम
दिल्ली में ये बच्चे अलग-अलग जगहों पर ढाबों पर काम कर रहे थे। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वो अपने बच्चों को फोन पर इस तरह के गेम नहीं खेलने दें, जिससे बच्चों को लत लग जाए और वो कुछ भी कदम उठाने को तैयार हो जाएं। इस खतरनाक ट्रेंड से अन्य अभिभावकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।