दिल्ली : दिल्ली एम्स में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम बनने की 25वीं वर्षगांठ पर हुए कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें डॉक्टरों और अंग दान करने वाले मरीजों ने अनुभव साझा किए। इस दौरान डाॅक्टरों ने बताया कि उत्तराखंड के रहने वाले प्रेम सिंह ने अपने बेटे का अंगदान कर चार लोगों को नई जिंदगी दी। उनके बेटे का दिल किसी के और के सीने में धड़क रहा है, तो फेफड़े किसी और को सांसे दे रहे हैं।
प्रेम सिंह ने बताया कि बताया कि पिछले महीने जून में दुर्घटना में उनके बेटे की जान चली गई। उन्होंने बेटे के अंगदान का फैसला लिया। उन्होंने अपने बेटे के दिल, दोनों किडनियां और लिवर दान कर दिए। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई थी। उसीकी जानकारी देने के लिए उनका बेटा घर से कुछ दूर आ गया। प्रेम सिंह ने बताया कि जहां उनका घर है। वहां नेटवर्क की दिक्कत आती है। इसके चलते ही उनका बेटा मोहन नेटवर्क जोन में फोन को ले जाने के लिए पास वाले पहाड़ पर चला गया। वह कॉल कर रहा तो उसका पैर फिसल गया और 30 फुट नीचे गिर गया।
उसे जिला अस्पताल ले गए। वहां से एम्स रेफर कर दिया गया। दुर्घटना में बेटा ब्रेन डेड हो गया था। डॉक्टरों ने उन्हें अंगदान के बारे में प्रेरित किया तो उनके बेटे का दिल, दोनों किडनी और लिवर दान किया गया। उसने चार को नई जिंदगी दी। उन्होंने कहा कि उनके लिए इससे बड़ी बात कुछ नहीं है।