देहरादून : हाल ही में विजिलेंस के सिपाही ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जब इतिहास खंगाला गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई. जी हां चार जिगरी दोस्तों ने डेढ़ साल के भीतर एक के बाद एक करके मौत को गले लगाया…जिससे पुलिस महकमे हड़कंप मचा हुआ है.
पुलिस की तनाव भरी जिंदगी
पुलिस की नौकरी में अक्सर देखा औऱ सुना जाता है कि डिप्रेशन के शिकार हैं. नौकरी है भी ऐसी…24 घंटे की ड्यूटी…रैलियां…भाषण…वीआईपी ड्यूटी…चुनाव…लड़ाई-झगड़ा…मारपीट..मर्डर…हर जगह पुलिस की आवश्यकता होती है…ऐसे में उनको आराम करने का समय कम ही मिल पाता है…औऱ रही बात छुट्टी की तो वो तो न के बराबर ही होती है औऱ तो और दिवाली-होली में भी ड्यूटी. जिससे अक्सर डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. और इसके चलते कई गलत कदम उठालेते हैं.
एक साथ भर्ती हुए चार जवान और चारों ने की आत्महत्या
जी हां पुलिस में एक साथ भर्ती हुए चार जवानों ने या यूं कहें की चार जिगरी दोस्तों ने एक के बाद एक मौत को गले लगा लिया. बता दें चार में से तीन सिपाहियों ने फांसी लगाकर जबकि चौथे ने बीते दिन ही ड्यूटी के दौरान सर्विस गन से खुद को गोली मारकर आत्म हत्या कर ली. हालांकि आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है लेकिन इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. वहीं पुलिस मुख्यालय ने सिपाहियों की मौत के कारणों की जांच कराने के आदेश दिए हैं।
पुलिस ट्रेनिंग के दौरान हुई थी चारों की दोस्ती
मिली जानकारी के अनुसार चारों सिपाही विपिन सिंह भंडारी, जगदीश सिंह, हरीश और चंद्रवीर सिंह 2012 बैच में भर्ती हुए थे और पुलिस ट्रेनिंग के दौरान उनकी दोस्ती हुई थी लेकिन ये किसी को नहीं पता की आखिर चारों ने एक के बाद एक मौत को गले क्यों लगाया.
पहला दोस्त : सिपाही विपिन सिंह भंडारी
खबर थी की विपिन सिंह भंडारी डिप्रेशन का शिकार थे और इसी के चलते उन्होंने आत्म हत्या की थी. उस दौरान वो हरिद्वार में पोस्टेड थे और क्यूआरटी में तैनाती के दौरान अचल आनंद धाम के कमरे में उसका शव फांसी पर लटका मिला था. वो पौड़ी के निवासी थे।
दूसरा दोस्त : हरीश सिंह की आत्महत्या
वहीं सिपाही हरीश भी हरिद्वार में पोस्टेड थे और उनका शव हरिद्वार में सिंह द्वार के पास सरिए पर लटका मिला था.
तीसरा दोस्त : जगदीश बिष्ट
सिपाही जगदीश बिष्ट भी हरिद्वार में पोस्टेड थे और उनका शव सिडकुल स्थित कमरे में फांसी पर लटका मिला था और कहा गया था की उन्होंने सुसाइड किया है लेकिन कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ था.
चौथा दोस्त : चंद्रवीर सिंह
चंद्रवीर सिंह ने हाल ही में ड्यूटी के दौरान सर्विस हथियार से खुद को गोली मार ली थी. आपको बता दें अभी हाल ही में हरिद्वार से उन्हे देहरादून भेजा गया था.
तीनों दोस्तों ने की हरिद्वार में आत्महत्या
ध्यान देने वाली बात ये है कि तीन दोस्तों ने हरिद्वार में ही आत्महत्या की. और चंद्रवीर सिंह भी हरिद्वार में पोस्टेड थे जिन्हें देहरादून पोस्टिंग दी गई थी. औऱ वहीं उन्होंने ड्यूटी के दौरान आत्महत्या कर ली. खबर है कि हद्विार में चंद्रवीर सिंह का मनोचिकित्सक से इलाज कराया और देहरादून में पोस्टिंग की गई थी और पांच दिन पहले ही सिंह को विजिलेंस मुख्यालय की सुरक्षा गार्ड में भेजा गया था लेकिन वहां जाते ही चंद्रवीर सिंह ने देहरादून में खुदकुशी कर ली।
डीजी का बयान
वहीं इस मामले में डीजी अशोक कुमार का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस के चार सिपाहियों की मौत किन परिस्थितियाें में हुई है, यह जानना जरूरी है। डीजी का कहना है कि कुछ तो है इसमें. जिसकी जांच कराई जाएगी. डीजी ने कहा कि कोई ना कोई डिप्रेशन था, क्या टोटका था। एसपी सिटी श्वेता चौबे को जांच के आदेश दिए गए है।