हल्द्वानी: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने काम नहीं करने वाले कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने के फैसले को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सरकार मनसिकता पर उनको शक है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में नौकरशाह काम नहीं कर रहे हैं, तो उनको दंडित करने के नियम कायदे बनाए गए हैं। कानून भी उपलब्ध हैं। कार्रवाई करने से कसरकार को कौन रोक रहा है।
उनहोंने कहा कि राज्य सरकार नौकरी से निकालने का भय दिखाकर अधिकारी-कर्मचारियों में डर का माहौल पैदा कर रही है। इतना ही नहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में अधिकारियों का भी आरएसएसकरण करने की कोशिश कर रही है। जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरा है।
उन्होंने ने कहा कि आज देश जिस शिखर पर पहुंचा है। उसे पहुंचाने पर इसी तरह के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सहित अन्य अधिकारियों का भी योगदान रहा है। लेकिन, आज उनके अंदर डर का माहौल बना कर अनिवार्य रिटायरमेंट देने के नाम पर सरकार अपनी नाकामी उनके ऊपर नहीं थोप सकती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसका सख्ती से विरोध करेगी।