राजगढ़ की घटना को लेकर जिले की दो महिला प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में भाजपा नेता बुधवार को वहां पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान सिंह ने कहा कि हम किसी को छेड़ते नहीं हैं लेकिन कोई छेड़े तो हम छोड़ते नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि मैडम, आपको किसने अधिकार दिया था, प्रशासनिक अधिकारी आप हैं, क्या आपको संविधान अधिकार देता है कि जब चाहें किसी को भी थप्पड़ जड़ दें? क्या कानून आपको इसकी इजाजत देता है?
गाल पर थप्पड़ सरकार के कफन में आखिरी कील साबित होगा
पूर्व सीएम ने कहा कि गाल पर थप्पड़ सरकार के कफन में आखिरी कील साबित होगा। क्या संविधान आज्ञा देता है किसी को भी मार दो। इतने सालों में हमने ऐसा कलेक्टर नहीं देखा। मैं वीडियो देखकर हैरान रह गया। उन्होंने कहा, पीट-पीटकर ही नेता बनते है। हमने भी लट्ठ खाए हैं। हम दुबले पतले जरूर हैं लेकिन लड़ने में तेज है। मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमला बोलते हुए पूर्व सीएम ने कहा, ”लोकतंत्र का सम्मान करो नहीं तो जो अहंकार दिखा रहे हो उसे मिट्टी में पीस कर मिला देंगे। कमलनाथ तुम्हारी पाप की लंका को जलाकर राख कर देंगे।
डिप्टी कलेक्टर पर एफआईआर की मांग
बोले कि प्रशासनिक अधिकारी को किसी को थप्पड़ मारने की इजाजत नहीं होती है, यह जनता के मुंह पर नहीं है बल्कि लोकतंत्र के चेहरे पर तमाचा है, इसलिए हमारी मांग है कि जिसने तमाचा मारा है, उस पर एफआईआर दर्ज की जाये। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम शांति बनाये रखना चाहते हैं, लेकिन इस अन्याय और अत्याचार के खिलाफ हम चुप नहीं बैठेंगे। कमलनाथ जी, सुन लीजिए- नूर की एक किरण जुल्मात पर भारी होगी, रात तुम्हारी है, लेकिन सुबह हमारी होगी। भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता लड़ेगा। कमलनाथ सरकार में विकास के सारे काम ठप पड़े हैं। चारों तरफ भ्रष्टाचार का राज है। भू-माफिया, रेत माफिया, तबादला माफिया सक्रिय हैं। केवल विकास के काम नहीं रुके हैं, ये तो गरीबों के 5 हजार रुपये कफन के भी खा गये।
मुस्लिम भाई-बहनों को डरने की जरूरत नहीं
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) तो लागू होगा और अपने मुस्लिम भाई-बहनों से कहना चाहता हूं कि आपको डरने की जरूरत नहीं है। यह देश आपका है और इसमें किसी के खिलाफ कुछ नहीं है। सीएए एक मानवीय कानून है। ये कानून किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि धार्मिक आधार पर जो हमारे हिन्दू, सिख, जैन, पारसी भाई-बहन सताये जा रहे हैं, उनको नागरिकता देने का कानून है।