रुड़की : उत्तराखंड की राजनीति में खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल की बीच मनमुटाव किसी से छिपा नहीं है. एक दूसरे को मैदान में आकर दो-दो हाथ करने की धमकी देने वाले विधायक बीते दिन अलग ही अंदाज में नजर आए. दो दुश्मन कल दोस्त बनते और मजाकिया अंदाज में दिखे जो की चर्चाओं में है.
दरअसल शहीद राजा विजय सिंह स्मारक एवं कन्या शिक्षा प्रसार समिति में आयोजित कार्यक्र में खानपुर विधायक चैंपियन और देशराज कर्णवाल को भी निमंत्रण दिया था। वहीं मीडिया गैलरी के पीछे विधायकों के लिए सोफे लगाए थे जहां दोनों विधायक दोस्ती के अंदाज में नजर आए। यहां तक की सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी सामने मंच से दोनों को देखते रहे। सब उनको देख हैरान थे. दोनों को देख ऐसा अंदाजा लगा पाना मुश्किल था कि कभी दोनों के बीच मैदान-ए-जंग की नौबत आने वाली थी.
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का बयान
इस कार्यक्रम के दौरान कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा कि हम चार बार के विधायक हैं, देशराज एक बार का। वह हमारा छोटा भाई है। हमारे बीच किसी तरह का विवाद नहीं है। कार्यक्रम में हमने उसके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया है। देशराज कर्णवाल का कहना है कि विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन बड़े भाई है। कार्यक्रम में दोनों एक साथ बैठे थे। बातचीत हुई है। उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया है।
चैंपियन के बोले, दोनों के आरोप-प्रत्यारोप
बता दें कि बीते महीनों में दोनो विधायकों के बीच जमकर विवाद हुआ. मामला अदालत पहुंचा. दोनों के बीच की जुबानी जंग ने धार पकड़ ली. चैंपियन ने विधायक कर्णवाल को चेहरे और मन दोनों से काला बताया था। दोनों ही विधायक एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए तीखे शब्दों का प्रयोग करते रहे। विधायक चैंपियन ने विधायक कर्णवाल के चैंपियन लिखने के सवाल पर पलटवार करते हुए कहा था कि अगर उन्हें चैंपियन होने का प्रत्यक्ष परिणाम चाहिए तो सुबह नेहरु स्टेडियम में आकर उनसे हाथ मिलाए। कहा कि जब देशराज कर्णवाल को पता चल गया कि मैं पढ़ा लिखा हूं और पूरी केस डायरी निकलवाने के साथ ही कोतवाली में बैठकर पुलिस को लंबा कर सकता हूं तो बौखलाहट हो गई। चैंपियन यही ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि देशराज कर्णवाल उनके सामने कहीं भी खड़ा नहीं हो सकते हैं। मैं चार बार का विधायक रहा हूं और सर्वसमाज में मेरी अपनी पहचान है। उन्होंने दावा किया कि आज उनके समर्थन में क्षेत्र के ही नहीं बल्कि यूपी से भी ओबीसी समाज के सैकड़ों लोग उनके कार्यालय पर पहुंचे हैं।