उत्तराखंड में वनाग्नि रुकने का नाम नहीं ले रही है, वन विभाग के आला अधिकारी जंगलों में लगी आग को रोकने के तमाम दावे करें लेकिन हकीकत यही है एक बड़े पैमाने पर जंगल जल कर लगातार खाक होते जा रहे हैं, इससे सबसे ज्यादा नुकसान जैव विविधता को तो हो ही रहा है साथ ही वन्यजीव प्राणियों पर संकट गहराने लगा है, एक तरफ जल स्रोत सूख रहे हैं तो दूसरी तरफ पहाड़ों में धुंध से छा गई है, आग का सबसे ज्यादा असर हल्द्वानी वन प्रभाग के नन्धौर और जौलाशाल के जंगलों में है।
एक ओर जहां जंगल लगातार धू-धू कर जल रहे हैं, वन विभाग का दावा है की जंगलों को आग से बचाने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही है. इसके चलते वन विभाग का स्टाफ लगातार गश्त कर रहा है. यही नहीं आग बुझाने के लिए उचित सामग्री भी कर्मचारियों को सौंपी गई है जिससे आग लगते ही तुरंत काबू पाया जा सके.
अधिकारियों के मुताबिक तराई पूर्वी वन प्रभाग औऱ हलद्वानी वन प्रभाग मे कुल 52 क्रु स्टेशन बनाये गए हैं, इसके अलावा फायर वाचर औऱ गश्ती दल की तैनाती भी की गई है