पिथौरागढ- बस्तड़ी गांव में इस साल भारी आपदा आई थी काफी जान-माल का नुकसान हुआ था। मुख्यमंत्री नें भी दौरा किया था और सांसद अजय टम्टा ने भी । बस्तड़ी को फिर से बसाने की बात भी हुई । लेकिन जो आसपास के आपदा प्रभावित गांव हैं उनकी सुध लेने को कोई तैयार नही है। हालात ये हैं कि उसी पिथौरागढ़ जिले में आपदाग्रस्त बस्तड़ी गांव के नीचे बसे उड़मा गांव में बस्तड़ी की आपदा के बाद से पानी नही आया है।
जुलाई के पहले दिन जब बस्तड़ी में आपदा का कहर टूटा था तब से उड़मा गांव की नींद उड़ गई है। उड़मा गांव भी अब भूस्खलन की चपेट में हैं। हादसे के मुहाने पर खड़े उड़मा गांव में दो महीने होने को हैं तब से पीने के पानी का संकट बना हुआ है। दरअसल बस्तड़ी की आपदा में उड़मा की पेयजल लाइन उजड़ गई थी। लेकिन महकमे के नक्कारेपन ने हरकत भरी अंगडाई नही ली।
उड़मा गांव के लोग परेशान हैं। किसी तरह कुदरती जलस्रोताें से पीने के पानी का जुगाड़ कर रहे हैं लेकिन उसे पर्याप्त नहीं माना जा सकता। लोगों की माने तो बस्तड़ी की आपदा के बाद उड़मा को विस्थापित करने की सरकारी बात तो हो रही है लेकिन जो पानी जिंदगी के लिए जरूरी है उसकी कवायद तक नही हो रही है।ऐसे में सवाल उठता है जब महकमा पगार ले रहा है तो गांव वालों को पानी क्यों नहीं मुहैय्या करवा रहा है। विस्थापन की बाट जोह रहे उड़मा की हालत बिना पानी के वैसै ही हो गई है जैसे नाचने को तैयार बैठी बिना तेल के राधा की ।