देहरादून- डॉन फिल्म में डॉन को तेरह मुल्कों की पुलिस तलाश कर रही होती है। डॉन कहता है कि उसे पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुकिन है। कुछ ऐसा ही सोचा था अपनी पहचान छुपाकर राजस्थान में अबू रोड़, सिरौही के होटल चामुण्डा में वेटर का काम करने वाले प्रकाश गोस्वामी ने।
लेकिन पांच साल बाद जब उत्तराखंड पुलिस के एसटीएफ दस्ते के हत्थे चढ़ा तो एक झटके मे पूरी कहानी उगल गया। दरअसल उत्तराखंड पुलिस को उस दौर के लोकनिर्माण विभाग के कनिष्ठ सहायक प्रकाश गोस्वामी की उस दिन से तलाश थी जिस दिन से प्रकाश ने केदारनाथ धाम में सरकार को 40 लाख का चूना लगाया था। दरअसल
साल 2013 जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के आदेश पर केदार यात्रा के सफल संचालन के लिए प्रकाश गोस्वामी को लोकनिर्माण विभाग से गौरी कुण्ड केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े / खच्चर / कण्डी की प्रीपेड बुकिंग काउन्टर में तैनाती दी गई। प्रकाश को तीर्थयात्रियों को घोड़े खच्चर और कंडी की सहूलियत मुहैय्या करवानी थी और उनसे मिली रकम को सरकारी खाते मे जमा करवाना था। लेकिन 13 जून 2013 को प्रकाश की नीयत कांउटर में जमा हुए 40 लाख की रकम पर खराब हो गई। प्रकाश लालच में अंधा होकर अमानत ने ख्यानत कर बैठा और रकम को लेकर फरार हो गया। उसके बाद आपदा आ गई और प्रकाश ने सोचा की उसके गुनाह के निशान भी आपदा बहाकर ले गई होगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।
प्रकाश के गुनाह के लिए थाना ऊखीमठ, जनपद रूद्रप्रयाग पर तत्कालीन जिला साहसिक खेल अधिकारी, रूद्रप्रयाग ने तहरीर दी और मुकदमा दर्ज करवाया। बस उसके बाद पुलिस प्रकाश की तलाश में जुट गई। उधर लोकनिर्माण विभाग ने भी प्रकाश गोस्वामी के लापता होने पर नोटिस जारी कर दिया। लेकिन दगाबाज प्रकाश गोस्वामी का कोई पता ना चला। उधर सरकारी जाँच के दौरान प्रकाश गोस्वामी के भाई ने जिला साहसिक खेल अधिकारी रूद्रप्रयाग के एकाउन्ट में रू0 8 लाख जमा करा दिए और हवाला दिया कि ये रूपये प्रकाश गोस्वामी की आलमारी से मिले है और उसका भाई प्रकाश 20-06-2013 से लापता चल रहा है ।
मुकदमें की विवेचना के दौरान प्रकाश गोस्वामी की काफी तलाश की गई, परन्तु लगातार पिछले 04 वर्षो तक फरार चलता रहा । गिरफ्तारी हेतु पहले पुलिस अधीक्षक, रूद्रप्रयाग द्वारा 2,000/- रू0 का ईनाम घोषित किया गया, बाद में पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढवाल परिक्षेत्र द्वारा 5 हजार रूपये का नकद पुरस्कार घोषित किया गया । लेकिन अमानत से खयानात करने वाले प्रकाश का पता न चल पाया।
लेकिन आज मुखबिर खास की सूचना पर एसटीएफ ने अभियुक्त प्रकाश को देहरादून मे आई0एस0बी0टी0 के पास से गिरफ्तार कर लिया गया । बाद में पुलिसिया पूछताछ में प्रकाश ने अपनी सारी हकीकत खोल दी। प्रकाश ने बताया कि पुलिस कार्यवाही के डर से फरार होकर राजस्थान चला गया था तथा अपनी पहचान छुपाकर अबू रोड़, सिरौही, राजस्थान में होटल चामुण्डा में वेटर का काम कर रहा था तथा घर एवं पूर्व परिचितों से कोई सम्पर्क नहीं रखा तथा सोचा कि मुझे केदारनाथ आपदा में लापता मान लिया जायेगा और मेरी तलाश नहीं की जायेगी । लेकिन शायद प्रकाश को इस बात का अंदाजा नहीं था कि गुनहगार कितना भी शातिर क्यों न हो पुलिस के हाथ उसके गिरेबान तक पहुंच ही जाते हैं।