देहरादून- शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में करीब दो घंटा चली बैठक में महज दो बिंदुओं पर फैसला लिया गया। बैठक में मदिरा की चार दुकानों का समूह बनाकर आवंटित किए जाने के फैसले पर रोलबैक किया गया।
20 कमरों तक के होटल व रेस्टोबार की लाइसेंस फीस पांच लाख से घटाकर तीन लाख
यह तय किया किया गया कि बीते वर्ष 2017-18 की व्यवस्था के मुताबिक ही समूह के बजाय एकल दुकान का आवंटन किया जाएगा। वहीं 20 कमरों तक के होटल व रेस्टोबार की लाइसेंस फीस पांच लाख से घटाकर तीन लाख की गई है। साथ ही लाइसेंस एक साल के बजाय तीन साल के लिए मिल सकेगा, लेकिन लाइसेंस फीस हर वर्ष जमा की जाएगी।
सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि मंत्रिमंडल ने नई आबकारी नीति में चार अहम बिंदुओं पर संशोधन को मंजूरी दी। 20 किमी के दायरे में चार दुकानों को समूह बनाकर आवंटित किए जाने की व्यवस्था में तब्दीली करते हुए पिछले साल की व्यवस्था को बहाल करने का निर्णय लिया गया।
विदेशी शराब को रखने के लिए स्टोर का टर्नओवर अब 50 लाख
इसीतरह राज्य के डिपार्टमेंटल स्टोर्स में मिलने वाली विदेशी शराब को रखने के लिए स्टोर का टर्नओवर अब 50 लाख होना चाहिए।
बार लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए बीते वर्ष के पके भोजना की बिक्री की सीमा 12 लाख से घटाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी व एमजीडी से संबंधित एक्स डिस्टलरी प्राइस के स्लैब में भी आंशिक संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
मंत्रिमंडल ने हरिद्वार जिले के राजकीय ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में वर्ष 2016-17 में एमडी और एमएस पाठ्यक्रमों में स्ववित्तपोषित कोटे में दाखिल छात्र-छात्राओं को भी राहत देते हुए राज्य कोटे में दाखिल अभ्यर्थियों के समान स्टाइपेंड देने का निर्णय लेने को आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय को अधिकृत किया गया