देहरादून: लोकसभा चुनाव के बाद त्रिवेंद्र रावत सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक आयोजित की, जिसमें सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने दी। उन्होंने बताया कि बैठक में 15 बिंदुओं पर चर्चा हुई।
फैसलों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विधुत नियामक आयोग की वार्षिक रिपोर्ट को विधानसभा सभा के पटल पर रखने को मंजूरी दे दी है। वित्तीय वर्ष की वार्षिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दी गई। एटीआई नैनीताल के ढांचे में लोक प्रशासन के पद को ट्रांसफर किया गया। 2016 अर्धकुंभ के दौरान बल्लियों के टेंडर संबंधी मामले में एजेंसी को ब्याज सहित भुगतान करने का फैसला लिया गया।
कालागढ़ में 56.29 हेक्टेयर भूमि मामले में पुनः सीमांकन करने की स्वीकृति दी गई है। यहां से 400 परिवारों को बेदखल किया जाना है। मामला पहले से ही लंबित चल रहा है। उत्तराखंड के बंदियों के लिए विशेष नियम 3(2) और 7 में संशोधन किया गया। संविदा फार्मासिस्टों की भर्ती को कैबिनेट ने मंजरी दे दी है। इसके तहत प्रदेशभर में लगभग 2 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी। सरकार पुरानी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी।
राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता के अंशदान को केंद्र तरह 14 फीसदी किया गया। उत्तराखंड राजकीय विभाग अधीनस्त लेखा संवर्ग की नियमावली को भी मंजूरी दी गई। चीड़ के पत्तों से बिजली बनाने की योजना के अंतर्गत पिरूल एकत्र करने पर वन विभाग प्रति किलो 1 रुपया देगा। साथ ही उत्तराखंड सहकारी समिति में पंचायतों के लिए संशोधन को मंजूरी दी है। निकाय के तहत वित्त नियोजन के लिए नगर आयुक्त की अध्यक्षता में होगी कमेटी गठित करने का भी निर्णय लिया गया।
नगर निगमो के बढ़ाये गए वित्तीय अधिकरो में संशोधन। अब नगर आयुक्त, वित्त अधिकारी वित्त खर्च करने का निर्णय ले सकेंगे। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भूमि अधिकार संशोधन को मंजूरी दी गई। राज्य और केंद्र के रिकार्ड में दर्ज अधिसूचित वन भूमि को डीम्ड फॉरेस्ट कहा जायेगा। राजस्व रिकार्ड में दर्ज भूमि को वन भूमि कहा जायेगा। 10 हेक्टेयर के अधिक भूमि जहा वन हो उसे वन भूमि माना जायेगा।