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CDS रावत की शहादत पर हंसने वालों से आहत फिल्ममेकर अली, हिंदू धर्म अपनाने का लिया फैसला

Reporter Khabar Uttarakhand
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BIPIN RAWAT

BIPIN RAWAT

फिल्म निर्माता अली अकबर उन लोगों से खफा हैं जिन्होंने सीडीएस बिपिन रावत के निधन की खुशी मनाई और भद्दे कमेंट किए। इसके बाद फेमस फिल्ममेकर अली अकबर ने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला लिया है। जी हां अकबर ने कहा कि क्योंकि कई मुसलमानों ने सीडीएस रावत की मौत से संबंधित पोस्ट पर स्माइली से प्रतिक्रिया दी थी। एक तरह से उन्होंने खुशी जाहिर की थी। इसलिए वो मुस्लिम धर्म को छोड़ रहे हैं।

शीर्ष नेताओं ने भी ‘देशद्रोहियों’ द्वारा ऐसी हरकत करने का विरोध नहीं किया-अली

अली अकबर ने कहा कि इस्लाम के शीर्ष नेताओं ने भी ‘देशद्रोहियों’ द्वारा ऐसी हरकत करने का विरोध नहीं किया है। उन्होंने एक बहादुर सैन्य अधिकारी का अपमान किया है और वह इसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं। कहा कि उनका धर्म से विश्वास उठ गया है और उन्होंने बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर इस बारे में एक वीडियो पोस्ट किया।

आज मैं जन्म से प्राप्त एक पोशाक को उतार रहा हूं-अली अकबर

अकबर ने वीडियो में कहा कि आज मैं जन्म से प्राप्त एक पोशाक को उतार रहा हूं। आज से मैं मुसलमान नहीं हूं। मैं भारत का हूं। यह उन लोगों को मेरा जवाब है जिन्होंने भारत के खिलाफ हजारों मुस्कुराते हुए इमोजी पोस्ट किए। पोस्ट को फेसबुक पर मुस्लिम यूजर्स की कड़ी आलोचना मिली और कुछ ने अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। अकबर को भी उन टिप्पणियों में से कुछ का जवाब देने के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते देखा गया था। इस बीच कई यूजर ने अकबर का समर्थन किया और गाली देने वालों को फटकार लगाई।

हालांकि यह पोस्ट बाद में फेसबुक से ‘गायब’ हो गई, लेकिन इसे व्हाट्सएप पर खूब शेयर किया जा रहा है। बाद में अकबर ने एक और पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा कि राष्ट्र को उन लोगों की पहचान करनी चाहिए जो सीडीएस की मौत पर मुस्कुराते हैं। इस पोस्ट पर भी सैकड़ों सपोर्टिव और अभद्र कमेंट देखने को मिले।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अली अकबर ने कहा कि बिपिन रावत की मौत की खबर पर मुस्कुराते हुए इमोजी के साथ टिप्पणी करने वाले और जश्न मनाने वाले अधिकांश उपयोगकर्ता मुस्लिम थे। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कई कार्रवाइयां की थीं। एक बहादुर अधिकारी और देश का अपमान करने वाली इन सार्वजनिक पोस्टों को देखने के बावजूद, शीर्ष मुस्लिम नेताओं में से किसी ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी। मैं ऐसे धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता।

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