देहरादून : धोखाधड़ी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें सरकारी धन का फर्जी भुगतान कराने का प्रयास किया गया। फर्जीवाड़ा करके नकली चेक बैंक में जमा करा दिये गये। मामला लोक निर्माण विभाग से जुड़ा है। गनीमत ये रही कि वक्त रहते मामला पकड़ में आ गया। जिसके बाद लोनिवि के अधिशासी अभियंता की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसकी जांच देहरादून कोतवाली पुलिस कर रही है।
समय रहते सरकारी धन बचाया गया
शहर कोतवाली प्रभारी ने इस फर्जीवाड़े के मामलें पर जानकारी देते हुए बताया कि 10 अगस्त को उत्तरकाशी कोतवाली में विश्व बैंक खण्ड लोनिवि अधिशासी अभियंता रमेश चन्द्र ने मुकदमा दर्ज कराया। शिकायत दर्ज की गई कि खंड परियोजना का खाता भारतीय स्टेट बैंक सचिवालय देहरादून परिसर में है। इस खाते में विभिन्न जगहों से नकली चेक जमा करने का विवरण प्राप्त हुआ है। जिसमें मुख्य रुप से फरीदुल कहती कटिया असम, कृष्ण गोपाल गौशाला देवगढ़, श्याम सुंदर अग्रवाल महेंद्र गढ़, मणिपुर जमिया मिस्वाहल उलूम ट्रस्ट मणिपुर, आदि शामिल है।
नकली चेक के जरिए पैसे निकालने की कोशिश
बताया गया है कि नकली चेक के जरिए अज्ञात अभियुक्तों ने राजकीय धन को धोखाधड़ी से नकली चेकों की कूटरचना कर अपने पक्ष में कैश कराने का प्रयास किया जा रहा है। अगर इन चेकों पर गहनता से ध्यान ना दिया जाता तो नकली चेकों का भुगतान होने पर राजकीय धन का दुरुपयोग हो सकता था। जिस खाते में चेक जमा हो रहा है। उसी के खाते में फ्रांड चेक से धन जमा कर गलत लाभ कमाने की आपराधिक कोशिश की जा रही है।
उत्तरकाशी में लिखी एफआईआर, देहरादून ट्रांसफर
इस मामले में उत्तराकाशी में जीरो एफआईआर लिखी गई थी। क्योंकि नकली चेक प्राप्त होने का स्थान देहरादून एसबीआई शाखा सचिवालय परिसर है। इस वजह से मुकदमें को देहरादून नगर कोतवाली में स्थानांतरण कर दिया गया है। कोतवाली पुलिस संबंधित बैंक से जानकारी हासिल करके विधिक कार्रवाई में जुटी है.
वही इस मामलें पर एसएसपी देहरादून ने बताया मामला बेहद गंभीर हैं. कोतवाली पुलिस जांच टीम को इस फर्जीवाड़े के लिए प्राथमिकता के तौर कार्यवाही के लगाया गया हैं।