नई दिल्ली। भारत के बारे में एक कहावत मशहूर है 12 महीने 13 त्योहार। मतलब ये है कि भारत में त्योहारों की कमी नही है हर दिन कोई न कोई उत्सव है । श्राद्ध पक्ष खत्म होने वाला है, चंद दिनों के बाद भारतीय बाजारों में त्योहारों की रौनक दिखाई देने लगेगी। नवरात्र से भैया दूज तक बड़े-बड़े त्योहार और उसके बाद भी छोटे-बड़े त्योहारों का आना-जाना लगा रहेगा। ऐसे में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है मंहगाई और मिलावट। सरकार का दावा है कि त्योंहारों में कुछ चीजों में महंगाई रूलाएगी नहीं।
आखिर क्या किया सरकार ने
त्योहारी सीजन में महंगाई आम आदमी के त्योहार की रंगत फीकी न करे इसके लिए सरकार ने आलू, गेहूं और क्रूड पॉम तेल और रिफाइंड तेल पर आयात शुल्क में 5 फीसदी की कमी की है। जिसके बारे में केंद्रीय एक्साइज व कस्टम बोर्ड ने अधिसूचना जारी करके कहा है कि आलू पर आयात शुल्क में कटौती अक्टूबर 2016 तक लागू रहेगी जब तक आलू की नई फसल बाजार में नहीं आ जाती। वहीं गेहूं पर आयात शुल्क में कमी फरवरी 2017 तक के लिए रहेगी क्योंकि मार्च -अप्रैल में बाजार में नया गेहूं आ जाएगा। जबकि पॉम ऑयल के आयात शुल्क में कटौती के लिए कोई अवधि तय नहीं की गई है। चलो देखते हैं सरकार की ये कवायद मंहगाई ड़ायन की कितनी भूख मिटाती है और बाजार में इसका कितना असर दिखता है।