25 साल की उम्र में शहीद, घर में मातम
बता दें कि शहीद राहुल की 8 महीनेे की बेटी है. अपनी 8 माह की बेटी को राहुल बिलखता छोड़ गए। बच्ची पिता की शहादत से बेखबर है। तल्लादेश के रियासीबमन गांव के मूल निवासी और 50 आरआर के जवान राहुल 25 साल की उम्र में शहीद हो गए। 26 अप्रैल 2018 को शहीद की शादी हुई थी। शहीद जवान 18 कुमाऊं और वर्तमान में 50 आरआर में जम्मू में तैनात थे। राहुल 2002 में भर्ती हुए थे। राहुल का बड़ा भाई राजेश भी सेना में है जो की 2009 में भर्ती हुए और वर्तमान में लखनऊ में तैनात हैं। राहुल की शहादत से उत्तराखंड सहित पूरे देश में शोक की लहर है।
बता दें कि शहीद राहुल रैंसवाल (25) के पिता वीरेंद्र सिंह रैंसवाल इस वक्त पत्नी हरू देवी के साथ चंपावत के कनलगांव में रहते हैं। शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। 8 माह की बेटी पिता की शहादत की खबर से बेखबर है।
पुलवामा के पंपोर में मुठभेड़, एक जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद
बता दें कि आज चंपावत का लाल राहुल रैंसवाल पुलवामा के अवंतीपुरा इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार दक्षिणी कश्मीर में पुलवामा के पंपोर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। इस मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया है। वहीं एक जवान घायल हो गया है। अभी भी दो आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। मुठभेड़ के दौरान भारतीय सेना का एक जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक एसपीओ शहीद हो गया है। आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है।
मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि पंपोर इलाके में आतंकी छिपे हुए हैं।आनन-फानन में सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी करनी शुरू की। इस दौरान आतंकियों ने खुद को घिरा पाकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सेना ने जैश के एक आतंकी को मार गिराया है। वहीं एक जवान घायल हो गया है जबकि घायल हुआ एक अन्य जवान देश की रक्षा करने के दौरान शहीद हो गया है।
एक जवान राजेंद्र लापता
वहीं बता दें कि देवभूमि का एक बेटा और सेना का जवान राजेंद्र सिंह नेगी 8 जनवरी से लापता है. जिनका परिवार देहरादून में रहता है और पिता-भाई गांव में रहकर खेती-बाड़ी और मजदूरी करते हैं। खबर है कि पोस्ट में तैनाती के समय जवान राजेंद्र सिंह नेगी बर्फ में फिसल कर पाकिस्तान जा पहुंचे हैं. अभी तक उनकी कोई खबर नहीं है और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. जवान के परिवार का सब्र का बांध टूट रहा है। वहीं उत्तराखंड के लोगों ने सरकार से उन्हें अभिनंदन की तरह वतन वापस लाने की मांग की है.